फिर बोला अजीज, मुझे आरडी गार्डी से निकालो यहां इलाज के अभाव में मर जाऊंगा

  • उज्जैन। आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज मैं संक्रमित मरीजों का इलाज घोर लापरवाही के साथ किया जा रहा है, कल रात वहां भर्ती अजीज जीनवाला ने मालव क्रांति को एक बार फिर मोबाइल करके तत्काल यहां से निकलवाने की गुहार कि, यह वही शख्स है जिसे कल सुबह मृत बता दिया गया था, अजीज ने बताया कि इसके एक पैर में बहुत ज्यादा तकलीफ होने के कारण वह माधव नगर अस्पताल गया था उसे कोरोना का कोई लक्षण नहीं है बावजूद एक्स-रे करने के बहाने अजीज को आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में भर्ती करा दिया गया ,अजीज का कहना है कि यहां  जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है लगभग रोते हुए उन्होंने कहा कि आपका एहसान होगा मुझे यहां से निकालो नहीं तो मैं मर जाऊंगा उन्होंने कहा कि एक कमरे में हम पांच लोगों को रखा गया है, लेकिन इसके अलावा और कोई व्यवस्था यहां पर नहीं है, यहां तक कि मुझे नित्य कर्म करने में भी बेहद असुविधा हो रही है ,पैर तकलीफ के कारण बिस्तर पर से भी उठ नहीं पाने के बावजूद बड़ी मुश्किल से टॉयलेट तक पहुंचता हूं लेकिन वहां इंग्लिश सिस्टम ना होने के कारण नित्य कर्म तक नहीं कर पा रहा हूं,आज सुबह तो में गिर गया था, अजीत ने बताया कि 3 लोगों का स्टाफ कमरे के बाहर बैठता है और दिन भर फोल्डर में एंट्री करता रहता है ,उन्होंने कहा कि जहां पेशेंट को रख सकते हो वहां रखो लेकिन यहां से निकालो ,अजीज का यह भी कहना था कि यहां कोई इलाज नहीं हो रहा है इससे तो बेहतर है कि हमें घर मे की क्वॉरेंटाइन कर दिया जाए।                        

  •                                                      और याद आ गया शोले का डायलॉग                                                                                                               मुख्यमंत्री की नाराजगी और कोरोना योद्धा पत्रकारों द्वारा उज्जैन में कोरोना के इलाज के लिए चिन्हित अस्पताल आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में बरती जा रही घोर लापरवाही  और इसकी वजह से होने वाली मौतों को लेकर बवाल मचा तो जिलाधीश शशांक मिश्र ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा और लाइसेंस निरस्त करने की चेतावनी दी पिछले 10- 15 दिन से लगातार आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज पर इलाज न कर मरीजों को मौत के मुंह में पहुंचाने का आरोप लगते रहे लेकिन एक अजीब सा सन्नाटा था 5 दिन पहले तक आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज को भगवान समझा जा रहा था? जो की मशहूर फिल्म शोले की मौसी के उस डायलॉग को याद दिलाता रहा जिसमें मौसी कहती है की,,,,,,,, एक बात तो माननी पड़ेगी बेटा तुम्हारे दोस्त में लाख बुराइयां है ,पर फिर भी तुम्हारे मुंह से उसके लिए तारीफें ही निकलती है,,,,,,,,,, जिला प्रशासन ने भले ही आरडी
    गाड़ी मेडिकल कॉलेज की तारीफ न की हो, लेकिन प्रशासनिक गलियारों में अव्यवस्थाओं के खिलाफ सन्नाटा रहा और अब जब बवाल मचा,,, बलि चढ़ी,,,,, और पत्रकारों ने पोल खोली तो नोटिस जारी हो गया ,मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री तक को कड़े निर्देश देना पड़े ,लेकिन सवाल अब भी कायम है कि क्या कोरोनावायरस से संक्रमित मरीज का मरना जरूरी है,?    आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज पर जो आरोप लगे हैं उसके मुताबिक वहां अभी तक मरीजों का किस तरह इलाज किया गया इसे समझा जा सकता है ,,,,मेडिकल कॉलेज पर आरोप है कि,,,,,, निरंतर मौखिक और लिखित निर्देशों के बावजूद व्यवस्थाओं में सुधार नहीं किया गया, साफ सफाई नहीं रखी गई, भोजन खराब दिया गया ,भोजन समय पर नहीं दिया गया, डॉ अनुपस्थित रहे, कोरोनावायरस संक्रमित मरीज का उपचार नहीं किया गया, निर्देशों का पालन नहीं किया गया, चाही गई जानकारी अपूर्ण दी गई ,चाही गई जानकारी समय पर नहीं दी गई ,लिखित पत्रों के बावजूद व्यवस्थाओं में सुधार नहीं किया गया,,, यह आरोप हम नहीं लगा रहे बल्कि उस नोटिस में लिखे हैं जिसे जिला प्रशासन ने आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज को थमाया है,,, यानी लाख बुराइयां फिर भी मरीज का इलाज कराने की यह कैसी जीवन लीला छीनने वाली मजबूरी,,,,,,,,,


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