शिवसेना प्रदेश उपाध्यक्ष पवन सोलंकी ने मध्यप्रदेश पुलिस के एडीजी दिनेश सागर जी को दी बधाई
पवन सोलंकी ने बताया कि कांस्टेबल से लेकर बड़े इस्तर के अधिकारियों का हौसला बढ़ाते हैं एवं ग़रीबो का दुःख खुद का दुःख समझ कर चलते हैं मुझे आईपीएस दिनेश जी सागर जैसे ईमानदार ए.डी.जी पर गर्व है ..! हर प्रदेश मे दिनेश सागर एडीजी जैसे आईपीएस ऑफिसर मिले
शिवसेना पवन सोलंकी ने बताया
बॉडी बिल्डिंग कॉम्पिटीशन में IPS का जलवा, फिटनेस देखकर हैरान रह गए लोग
भोपाल। हाल ही में मध्यप्रदेश की राजधानी के नेहरू नगर में सीनियर मिस्टर भोपाल चैम्पियनशिप चल रही थी। भोपाल बॉडी बिल्डर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में शहर के 126 बॉडी बिल्डर्स ने हिस्सा लिया। कई सारे बॉडी बिल्डर अपनी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन एक बॉडी बिल्डर ऐसा भी था, जिस पर सबकी निगाहें बार बार चली जा रही थीं। ये थे मध्यप्रदेश पुलिस के 1992 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी डी.सी. सागर।
डी.सी. सागर अपनी फिटनेस को लेकर पूरे डिपार्टमेंट में मिसाल बने हुए हैं। मध्यप्रदेश के नक्सली इलाके बालाघाट रेंज के आईजी पद पर तैनात रहने के बाद डीसी सागर फिलहाल एडीजीपी (टेक्निकल सर्विसेस) पुलिस हेडक्वार्टर में पदस्थ हैं। वैसे कहा जाता है कि डीसी सागर की छवि महकमे में फिल्मी पुलिस वाले जैसी है, और ये सच भी इसलिए लगता है क्योंकि आईजी होने के बाद भी वे ऑफिस में बैठने के बजाय ज्यादातर वक्त फील्ड पर दिखाई देते रहे हैं।
बालाघाट में थर-थर कांपते थे नक्सली
वैसे डीसी सागर के काम करने का तरीका और उनका अंदाज भी उनकी लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण है। यही नहीं, उनकी बहादुरी के किस्से भी दूर दूर तक मशहूर हैं। यही वजह है कि इससे पहले बालाघाट रेंज के आईजी पद पर होने के बाद भी वे बंदूक लेकर अक्सर ही जवानों के बीच पहुंच जाते थे, इतना ही नहीं कभी चेक पोस्ट पर चेकिंग के लिए भी तैनात रहते थे। विभाग में उनकी ये छवि जहां जवानों की हौसला अफजाई करती है, वहीं उनकी बहादुरी की मिसाल भी कायम करती है। डीसी सागर उन नक्सली इलाकों में साइकिल और नाव से गश्त करने चले जाते थे, जहां पर पुलिस को आधुनिक हथियारों की जरूरत होती है।
चलाते हैं साइकिल, खुद उठाते हैं अपना सामान
डीसी सागर साइकिल का खूब इस्तेमाल करते हैं। फील्ड पर अक्सर साइकिल से निकल जाते हैं, तो कई बार ऑफिस भी साइकिल से ही जा पहुंचते हैं। एक बार साइकिल से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा था कि मेरा मानना है कि साइकिल पर गश्त करना ज्यादा बेहतर है। इससे आप बीट पर ज्यादा समय बिता सकते हैं, पतली गलियों में आसानी से घूम सकते हैं, अपराधियों को गाड़ी की आवाज़ सुनकर भागने का मौका नहीं मिलता और सबसे बड़ी बात की आप पर्यावरण की रक्षा भी करते हैं।
डीसी सागर सिर्फ साइकिलिंग के लिए ही नहीं, बल्कि अपना काम खुद करने के लिए भी बखूबी जाने जाते हैं। फिर चाहे वो किसी कार्यक्रम में सुरक्षा के लिए अस्थाई टेंट लगाने का काम हो या फिर किसी बस में चढ़कर सामान की चेकिंग करना हो, डीसी सागर इन कामों के लिए आम तौर पर किसी की मदद नहीं लेते
पवन सोलंकी ने कहा
मुझे एडीजीपी दिनेश चंद्र सागर जी पर बहोत गर्व हैं मेरा मानना है हर राज्य में एडीजी दिनेश चंद्र सागर जैसा अधिकारी मिले।