महिला की हत्या में शामिल महिलाओ का जमानत आवेदन निरस्त

 


मोटरसायकल चोरी करने वाले अभियुक्त की जमानत निरस्त


 


 न्यायालय श्रीमान श्रीमति पुनीता चैहान प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपी मनीष पिता बंशीलाल निवासी ग्राम लिम्बोदिया का धारा 379 भादवि में जमानत आवेदन निरस्त किया गया।


अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी मुकेश कुमार कुन्हारे ने बताया कि घटना इस प्रकार है कि फरियादी विकास शर्मा ने थाना नानाखेड़ा में उपस्थित होकर प्रथ सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई कि मैं जिला शिवपुरी का निवासी हु तथा वर्तमान में वेदनगर में किराए के मकार में रहता हू। दिनांक 31/05/2019 को रात्रि में 08 बजे मेनेे मेरी मोटर सायकल होण्डा साईन को ताला लगाकर मेरे मकान के सामने खड़ी की थी मैने 9 बजे आकर देखा तो मेरी मोटर सायकल नहीं थी कोई अज्ञात व्यक्ति मेरी मोटर साईकिल को चुरा कर ले गया है । फरियादी की रिपोर्ट पर थाना नानाखेड़ा पर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबध्द की गयी। फरियादी की मोटर साईकिल थाना नागदा के द्वारा अभियुक्त मनीष से जप्त की गई थी तथा उसे गिरफ्तार किया गया था। जिसे थाना नानाखेड़ा के द्वारा प्रकरण में शामिल किया गया। अभियुक्त द्वारा जमानत आवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया था । 


 अभियोजन की ओर से द्वारा जमानत आवेदन का विरोध करते हुए तर्के किये कि समाज में चोरी की घटना बढ रही है । यदि उसे जमानत का लाभ दिया जाता है तो अभियुक्त के हौसलें बुलंद होंगें और पुनः चोरी की घटना कारित करेगां। अभियोजन के तर्केे से सहमत होकर अभियुक्त का जमानत निरस्त कि गई। प्रकरण में पैरवी एडीपीओ श्री अमित छारी द्वारा की गयी। 


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न्यायालयः श्रीमान एस.सी. पाल, अपर सत्र न्यायाधीश महोदय, तराना, जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा अभियुक्तगण 1. कमलाबाई पति भगवान सिंह 2. अनीता बाई पति रामचन्द्र 3. सीमाबाई पति रामस्वरूप समस्त जाति बागरी निवासीगण-गा्रम कचनारिया तहसील तराना जिला उज्जैन का जमानत आवेदन पत्र निरस्त किया गया। 


 अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी ने बताया कि घटना इस प्रकार है कि दिनांक 26.04.2020 फरियादी ने थाना तराना पर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबध्द कराई कि रतन महाराज की जमीन भगवान बागरी ने बटाई पर रखी है, उसी जमीन का रास्ता हमारी जमीन से होकर जाता है। यह लोग आते-जाते मेरा नुकसान करते है तो हम लोग इनको समझाते हैं। उसी बात को लेकर आज शाम के करीब रायसिंह ने जो मेरे काका हैं ने भगवान सिंह को समझाया कि हमारा नुकसान मत किया करो। तो भगवान सिंह, रामस्वरूप व कमलाबाई ने गालियां देकर बोला कि तू रोज-रोज यही बात करता है तथा भगवान सिंह ने हाथ में कुल्हाडी से रायसिंह के बाये हाथ में मारी चोंट लगकर खून निकलने लगा, रामस्वरूप ने लठ्ठ की पीठ में मारी चोट लगी। मेरी पत्नी कलाबाई बीच-बचाव करने आई तो रामस्वरूप ने लाठी से सिर में मारा चोंट लगी। कमलाबाई बोल रही थी कि इनको इतना मारो की यह लोग बच ना पाये। मैं रायसिंह को उठाकर अस्पताल लाने लगा तो हमारे मोहल्ले के बाहर अर्जुन लकड़ी लेकर अनीता बाई व रामस्वरूप की पत्नी के साथ आया और रास्ता रोक लिया। मेरे काका मायाराम को अर्जुन ने लकड़ी से मारा जो हाथ व पैर कमर में चोंट आई। अनीता बाई व अर्जुन व रामस्वरूप की पत्नी ने मुझे थप्पड़ व मुक्कों से मारा। अभियुक्तगण द्वारा भुलीबाई को लकड़ी व डण्डे से मारा। मैं रायसिंह को लेकर अस्पताल आया। दूसरे घालय 100 व 108 एम्बुलेंस से आ रहे। इन लोगों ने बोला कि अगर मेरा रास्ता रोका तो जान से खत्म कर दूंगा। फरियादी की उक्त रिपोर्ट पर पुलिस थाना तराना द्वारा अभियुक्तगण के विरूद्व धारा323,294,506, भादवि की प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्व की थी। ईलाज के दौरान भूलीबाई की मृत्यू हो गई थी जिस पर प्रकरण में धारा 302 भादवि का इजाफा किया गया।


अभियुक्तगण द्वारा जमानत आवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। अभियोजन की ओर से तर्क दिया गया कि आरापी व फरियादी दोनों पक्षो में जमीन संबंधी विवाद है व अपराध गंभीर प्रकृति का है। अतः अभियुक्तगण का जमानत आवेदन निरस्त किया जाए। 


माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर अभियुक्तगण का जमानत आवेदन निरस्त किया गया। प्रकरण में एजीपी श्री डी.के.नागर द्वारा पैरवी की गयी।