सूर्य ग्रहण के समय कोरोना महामारी समाप्ति हेतु सिद्धवट मंदिर पर विशेष अनुष्ठान किया

कोराना महामारी के चलते सदी के सबसे बड़े सूर्य ग्रहण की शुरुआत आज हुई विभिन्न धार्मिक मंदिरों में तथा तीर्थ स्थानों पर कोराना महामारी को समाप्त करने के लिए देवी आराधना तथा भगवान से मंदिरों में तीर्थों में ब्राह्मणों तीर्थ पुरोहितों और पुजारियों के द्वारा जप तप कर अनुष्ठान के आयोजन किए गए ताकि विश्व में फैली महामारी समाप्त हो सके आध्यात्मिक एवं ज्योतिष दृष्टि से सूर्य ग्रहण तक कोरोनावायरस चरमोत्कर्ष था और अब ज्योतिष एवं धार्मिक आध्यात्मिक आधार पर यह संभावनाएं व्यक्त की जा रही है कि इस महामारी का अब इस सूर्य ग्रहण की समाप्ति के पश्चात शनै शनै क्षरण होकर समाप्त होगा इसी क्रम में आज उज्जैन के विभिन्न मंदिरों पर भगवान के मंदिरों के पट बंद कर तीर्थ पुरोहितों पुजारियों ब्राह्मणों के द्वारा जप तप एवं अनुष्ठान के आयोजन किए गए इस क्रम में सिद्धवट मंदिर तीर्थ किनारे भी मंदिर के पुजारी गण सर्व श्री पंडित सुधीर चतुर्वेदी पंडित गोपाल कृष्ण पुजारी पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी पंडित दिनेश चतुर्वेदी अनय पुजारी पंडित उपेंद्र चतुर्वेदी पंडित हेमंत शास्त्री जीवन गुरु शर्मा कमल भावसार पुजारी आदि कई तीर्थ पुरोहितों पुजारियों ने कोरोना महामारी को समाप्त करने के लिए जप तप का अनुष्ठान कर भगवान सिद्धवट एवं मां क्षिप्रा से प्रार्थना की गई ।