200 बेड का हाॅस्पिटल केवल कागजों में था संचालित - संचालक को न्यायालय ने जेल भेजा

खिलचीपुर । जहां कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौर में राजगढ जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं पर्याप्त नजर नहंी आ रहीं है वहीं खिलचीपुर में कूटरचना कर 200 बेड के फर्जी हाॅस्पिटल और बीएमसी नर्सिंग होम संचालित करने वाला एक मामला प्रकाश में आया है। फर्जी हाॅस्पिटल संचालित करने वाले प्रकरण में माननीय प्रथम न्यायिक दण्डाधिकारी खिलचीपुर ने थाना खिलचीपुर के अपराध क्र. 345/20 में अभियुक्त अशोक नागर को पुलिस रिमाण्ड के उपरांत जमानत आवेदन निरस्त कर जेल भेजा है। इस प्रकरण में शासन की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री मथुरालाल ग्वाल खिलचीपुर उपस्थित हुए हैं। 


   मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि थाना खिलचीपुर में मां जालपा नवीन काॅलेज खिलचीपुर को मात्र कागजों पर संचालित करने के संबंध में अपराध दर्ज करने हेतु एक आवेदन पत्र प्राप्त हुआ था। उक्त आवेदन की जांच के लिए एक जांच दल गठित किया गया था। जिनके अनुसार प्रथमदृष्टया यह पाया गया कि डाॅ0 एन के सक्सेना बीएचओ स्थानीय कार्यालय राजगढ, डाॅ0 आर के पुष्पक, खण्ड चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खिलचीपुर दोषी है, जिनको उक्त चिकित्सालय का भ्रमण करके प्रतिवेदन लेना था। जिन्होने मौके पर ही बिना किसी भवन के ही साईंनाथ अस्पताल एण्ड रिसर्च सेंटर खिलचीपुर को पंजीयन हेतु अनुसंशा की । तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ0 के के श्रीवास्तव द्वारा उक्त दल की अनुसंशा के आधार पर पंजीयन जारी कर दिया गया था। धरातल पर ऐसा कोई भवन होना नहीं पाया था, जिससे दोष में उनकी भी सहभागिता प्रतीत हुई। 


 डाॅक्टर डाॅ0 एन के सक्सेना बीएचओ स्थानीय कार्यालय राजगढ, डाॅ0 आर के पुष्पक, खण्ड चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खिलचीपुर, तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ0 के के श्रीवास्तव एवं डाॅ0 एन के वर्मा चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खिलची को दोषी पाया गया है। इसी के साथ साथ आवेदन श्री तनवीर वारसी ब्यावरा द्वारा थाना खिलचीपुर में 200 बेड के फर्जी अस्पताल एवं बीएससी नर्सिंग की अनुमति के लिए कूटरचित दस्तावेज पेश कर शासन को गुमराह करने का मामला दर्ज करने बावत् आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था। आवेदन की जांच उपरांत अशोक कुमार नागर पिता रामसिंह नागर निवासी मंदसौर द्वारा श्री साईंनाथ अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर के पंजीयन हेतु तथा नर्सिंग काॅलेज की स्थापना हेतु फर्जी दस्तावेज पेश कर आवेदन मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिया था। जिसकी जांच उपरांत आवेदक अशोक कुमार नागर भी दोषी पाया गया था।


 *एक राय होकर तलवार से वार करने वाले आरोपियों को जेल भेजा*                         राजगढ/जीरापुर। न्यायालय माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, जीरापुर ने थाना जीरापुर के अपराध क्रमांक 341/2020 धारा 294, 323, 324, 327, 147, 148, 149 भादवि एवं 25 आर्म्स एक्ट में एकराय होकर मारपीट करने एवं धारदार हथियार से वार करने वाले आरोपीगण रईस , गप्पू , रशीद , मंजूर की जमानत निरस्त कर जेल भेज दिया है।


            मामला इस प्रकार है कि दिनांक फरियादी भगवानसिह ने हमराह अपने साथी के साथ थाना उपस्थित आकर लिखवायी कि मैने करीब 2 माह पहले छापीहेडा नाका पर स्थित दाल मील इंजीनियर फैक्ट्री मधुसूदन सिगी से खरीदी है जिसकी जिसके गोदाम में अकरम पिता रफीक मौलाना ने अवैध रूप से कूलर सोफा रख रखा है बेयरहाउस खाली करवाने के करीब आठ दस टिन बाद अकरम पिता सफीक मौलाना निवासी माचलपुर ने आडीवाजी कर बलपुर्वक पुनः अपना सामान रख लिया फरियादी ने अपने गोदाम में ताला लगा दिया था। अकरम ने अपनेे अन्य 7-8 साथीयो ने मिलकर एक राय होकर हाथो में तलवार लाठी डण्डे लेकर आये व गंदी गालिया देने लगे। फरियादी ने गालिया देने से मना किया तो सभी एक राय होकर एक साथ हमारी मारपीट करने गले, जिनमें से अकरम पिता सफीक मौलाना ने तलवार की हरिओम मंडलोई को मारी जो सिर पर लगी खून निकल आया और सफीक व बंटी पिता अफसार कुरैशी ने मुझे लाठी डण्डे से मारपीट की जिससे सिर कधे पर चोटे लगी । अन्य आरोपीगण ने भी फरियादी के साथ मारपीट की थी। फरियादी की उक्त रिपोर्ट पर थाना जीरापुर में 15 आरोपियों के विरूद्ध अपराध क्रमांक 341/2020 धारा 294, 323, 324, 327, 147, 148, 149 भादवि एवम् 25 आर्म्स एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की गई ।


आरोपीगण रईस , गप्पू , रशीद , मंजूर ने अपनी जमानत याचिका माननीय न्यायालय के समक्ष पेश की थी जिस पर विरोध करते हुये एडीपीओ श्री रविंद्र पनिका ने जमानत का विरोध करते हुये तर्क किया कि यदि आरेापी को जमानत दी गयी तो वह अवश्य ही फरार हो जायेगा। माननीय न्यायालय ने एडीपीओ श्री रविंद्र कुमार पनिका के तर्कों से सहमत होते हुये आरोपीगण की जमानत याचिका खारिज की है।