लोक अभियोजक बने सामाजिक परिवर्तन का साधन – श्री पुरूषोत्ताम शर्मा

  • उज्जैन


 


 अभियोजन उप संचालक डॉ साकेत व्यास बताया गया कि म.प्र.लोक अभियोजन ने आज दिनांक 13.08.2020 को ऑनलाईन वेबिनार के माध्यदम से एन.डी.पी.एस. एक्ट 1985 पर प्रशिक्षण आयोजित किया। प्रशिक्षण में श्री पुरूषोत्तीम शर्मा, महानिदेशक/संचालक लोक अभियोजन म.प्र. मुख्यर अतिथि रहे,साथ ही श्री जी.जी. पाण्डेल व आई.जी. नारकोटिक्सफ इन्दौ्र विशेष अतिथि, श्री उमेश श्रीवास्तीव अति0 जिला एवं सत्र न्या याधीश इंदौर मुख्यल वक्ताम, श्री अशोक सोनी, सेवा निवृत्तश डी.डी.पी. एवं मोहम्मतद अकरम शेख म0प्र0 राज्यक समन्वमयक एन.डी.पी.एस. एक्टत/जिला अभियोजन अधिकारी इंदौर, विषय विशेषज्ञ रहे। 


श्रीमती मौसमी तिवारी, प्रमुख जनसंपर्क अधिकारी, संचालनालय लोक अभियोजन मप्र द्वारा बताया गया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा मोहम्मचद अकरम शेख म0प्र0 राज्यक समन्य् ब क एन.डी.पी.एस. एक्टम/ डीपीओ इंदौर द्वारा तैयार की गई तथा कार्यक्रम का संचालन भी किया गया। प्रशिक्षण में म0प्र0 लोक अभियोजन विभाग के 650 से अधिक अभियोजन अधिकारी सम्मिलित हुए।


 प्रशिक्षण के उदघाटन सत्र में श्री शेख द्वारा सभी अतिथिगण एवं वक्तावगण का स्वापगत् किया गया तथा परिचय दिया गया।


प्रशिक्षण के मुख्यक अतिथि श्री पुरुषोत्तम शर्मा, महानिदेशक/संचालक लोक अभियोजन म.प्र. ने अपने उद्बोधन में ड्रग्स के व्यवसाय के राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समीक्षा करते हुए बताया कि यह अपराध अत्यंत गंभीर अपराध हैं क्योंकि यह किसी राष्ट्र के आने वाली पीढ़ी को ही समाप्त करने की ताकत रखता है तथा उन्होंने अपने रुचिकर उद्बोधन में सत्य घटनाओं का उदाहरण देते हुए इस अपराध से जुड़े धन व साजिश को समझाते हुए अपराध की गंभीरता पर प्रकाश डाला। अपने वक्तव्य में आप ने व्यक्त किया कि इन अपराधों के उचित निराकरण हेतु अनुसंधान के समय से ही पुलिस को अभियोजन अधिकारी से सहायता प्राप्त कर उचित रूप से एक्टन के प्रावधानों का पालन करते हुए सबूत जुटाने होंगे उन्होंने श्री अकरम शेख राज्य समन्वयक एन.डी.पी.एस. एक्टब को मध्य प्रदेश में एक टास्क फोर्स गठित करने के लिए निर्देशित किया जो कि अपने-अपने जिले में अनुसंधान में पुलिस को उचित विधिक राय प्रदान करेंगे व प्रकरण की उचित स्क्रूटनी करेंगे। उन्होंने अपने उद्बोधन में इस बात पर भी जोर दिया कि मध्य प्रदेश लोक अभियोजन को इंस्ट्रूमेंट ऑफ सोशल चेंज सामाजिक परिवर्तन का साधन बनना होगा। श्री शर्मा ने अपने उद्बोधन में (एन.डी.पी.एस. एक्ट 1985) के बारे में बताते हुए कहा कि यह अधिनियम दिनांक 14.11.1985 से संपूर्ण भारत में लागू किया गया। इस अधिनियम की धारा 8 के द्वारा स्वा1पक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थां के संबंध में प्रत्ये्क प्रकार के संव्य वहार को प्रतिबंधित किया गया है अर्थात् कोका, कैनेबिस हेम्पथ, अफीम का किसी भी मात्रा में क्रय, विक्रय, कब्जा्, आयात, निर्यात, परिवहन आदि नहीं किया जा सकता है। इस अधिनियम के अंतर्गत् तीन प्रकार की मात्रा निर्धारित की गई है, अल्प, मात्रा, मध्यस मात्रा एवं व्यातपारिक मात्रा और इस मात्रा के आधार पर ही दण्डा का निर्धारण किया जाता है कि उस अपराध का विचारण किस न्याकयालय द्वारा किया जाएगा। अल्प मात्रा वाले अपराधों का विचारण मजिस्ट्रे ट न्या यालय द्वारा किया जाता है और मध्य एवं व्याापारिक मात्रा वाले अपराधों का विचारण विशेष न्या यालय द्वारा किया जाता है। 


वर्तमान में म0प्र0 के हर जिले में विशेष न्यायालय का गठन किया जा चुका है जिनमें लगभग 3572 प्रकरण लंबित है। वर्तमान में म0प्र0 के प्रमुख जिलों के विशेष न्याेयालयों में अभियोजन का संचालन रेगुलर कैडर द्वारा किया जा रहा है तथा शेष जिलों में जीपी/एजीपी अभियोजन का संचालन कर रहे हैं। मेरे द्वारा म0प्र0 शासन को एक प्रस्ता व भेजा गया है कि व्याभपारिक एवं मध्यह मात्रा वाले अपराधों को चिन्हित अपराध की श्रेणी में रखा जाए, जिसमें रेगुलर कैडर के अधिकारी द्वारा पैरवी की जाएगी जिससे ऐसे प्रकरणों में सजा का प्रतिशत बढाया जा सकेगा। 


श्री शर्मा ने यह भी कहा कि एन.डी.पी.एस. एक्टे में आरोपी की दोषसिद्धि आवश्य क है क्योंशकि जो अपराधी इस अधिनियम के अंतर्गत् अपराध कर रहें हैं वह वास्त व में नशे का कारोबार कर अन्यक अपराधों को भी जन्मि दे रहें हैं। वर्तमान में जो जघन्यह अपराध किए जा रहें हैं वह नशा करने के उपरांत ही किए जा रहे हैं और जब व्यंक्ति को नशे की लत लग जाती है तो वह अपने नशे की पूर्ति के लिए भी अपराध करता है। 


इसी उद्देश्यह की पूर्ति के लिए मेरे द्वारा मोहम्महद अकरम शेख, डीपीओ इंदौर को संपूर्ण राज्य हेतु एन.डी.पी.एस. एक्ट‍ के प्रकरणों के प्रभावी निराकरण हेतु ''राज्यक समन्वसयक'' बनाया है। मुझे पूर्ण विश्वािस है कि श्री शेख के नेतृत्व। में म0प्र0 के अभियोजन अधिकारी, एन.डी.पी.एस. एक्टे के प्रकरणों में अपराधियों को अधिक से अधिक सजा से दण्डित कराकर एक सभ्यै समाज के निर्माण में महत्वकपूर्ण योगदान देगें। 


 श्री गिरधर जी पाण्डेा महानिदेशक, नारकोटिक्सद इंदौर ने "An overview of Drug trafficking with reference to Presursor Chemicals in India" विषय पर व्या"ख्याfन दिया। उन्होंfने भारत में होने वाली नशीले पदार्थों की तस्करी के बारे में बताया। उन्होंने प्रिकरसर केमिकल के विषय में बताते हुए कहा कि हेरोइन, कोकीन जैसे नशीले पदार्थ के अवैध उपयोग को रोकने की आवश्यतकता है एवं उन्होंने अपने सारगर्भित उद्बोधन में आतंकवाद और ड्रग स्मकग्लिंग के आपस में संबंध पर भी प्रकाश डाला उन्होंने लोक अभियोजन संचालक श्री शर्मा को इस वेबिनार हेतु धन्यंवाद् ज्ञापित करते हुए निवेदन किया कि नारकोटिक्सं विभाग में भी एक अभियोजन अधिकारी की नियुक्ति करने की कृपा करें।


 श्री उमेश श्रीवास्तयव, अपर जिला एवं सत्र न्या याधीश, इंदौर ने एन.डी.पी.एस. एक्ट‍ के प्रकरणों का अभियोजन संचालन एवं संचालन में आने वाली बाधाओं विषय पर व्यािख्‍यान दिया। श्री श्रीवास्त व ने बताया कि एन.डी.पी.एस. एक्ट के अपराध का विचार किस तरह किया जाना चाहिए जिससे अधिकतम सजा कराई जा सके, साथ ही उन्होंयने ऐसे अपराधों के अभियोजन में आने वाली बाधाओं को दूर करने के संबंध में प्रशिक्षण दिया। श्रीवास्त व जी द्वारा एक्ट के महत्व पूर्ण प्रावधानों सेक्श्न 32क, 50, 52 आदि की प्रक्रिया संबंधी संपूर्ण जानकारी प्रशिक्षणार्थियों से साझा की। 


 मोहम्मीद अकरम शेख म0प्र0 राज्यण समन्य्ऐस क एन.डी.पी.एस. एक्टा/डीपीओ इंदौर ने “एन.डी.पी.एस. एक्टय के अंतर्गत् प्रक्रिया संबंधी आदेशात्मीक प्रावधान” विषय पर व्यााख्याकन दिया। उन्हों ने अपने व्याझख्यारन में एन.डी.पी.एस. एक्टम के आदेशात्मिक प्रावधानों के संबंध में चर्चा की। उन्हों ने बताया कि एन.डी.पी.एस. एक्ट. के आदेशात्मेक प्रावधानों का कड़ाई से पालन किया जाना आवश्यहक है। यदि किसी एक भी प्रावधान का पालन करना रह जाए तो इसका प्रभाव संपूर्ण केस पर पड़ता है। जिसमें अभियुक्त की दोषमुक्ति होती है। इस संबंध में उनके द्वारा माननीय उच्च तम न्याैयालय एवं माननीय उच्चा न्यातयालय के न्या य दृष्टापन्तर बताए गए। 


 श्री अशोक सोनी सेवानिवृत्त डीडीपी ने ''विचारपूर्ण जप्त शुदा ड्रग का निराकरण (धारा 52ए)'' विषय पर व्या ख्या न दिया। उन्हों ने अपने व्यािख्यांन में धारा 52ए को समझाया साथ ही इस धारा के अंतर्गत् की जाने वाली प्रक्रिया के संबंध में न्या‍य दृष्टांितों के साथ से बताया। 


 श्री नितेश कृष्ण न, सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी, मंदसौर द्वारा पिट्स ए.डी.पी.एस एक्ट के प्रावधानों को एवं प्रिवेन्श्न और डिटेन्श न के प्रावधानों पर चर्चा की गई। 


 प्रशिक्षण उपरांत सभी वक्ताएओं के द्वारा प्रशिक्षुओं द्वारा पूछे गए प्रश्नोंश के उत्तिर दिए गए तथा उनकी समस्या का समाधान किया गया। 


 प्रशिक्षण उपरांत श्रीमती मौसमी तिवारी, प्रमुख जनसंपर्क अधिकारी म0प्र0 के द्वारा आभार प्रकट किया गया,साथ ही उन्होंीने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को आयोजित कराने के लिए श्री पुरूषोत्ताम शर्मा,महानिदेशक/संचालक लोक अभियोजन को धन्यतवाद अर्पित किया कि उन्हींा के मार्गदर्शन में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम संभव हो सका। 


 उक्ता ऑनलाईन वेबिनार के माध्य।म से एन.डी.पी.एस.एक्ट 1985 पर आयोजित प्रशिक्षण में श्री अजय सिंह भंवर उप संचालक(अभियोजन), श्री राजेन्द्रर खांडेगर, जिला अभियोजन अधिकारी तथा जिला एवं तहसीलों में पदस्था समस्ति अभियोजन अधिकारीगण उपस्थित हुये।



 


Popular posts
पूर्व मंत्री बोले सरकार तो कांग्रेस की ही बनेगी
Image
नवनियुक्त मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को उज्जैन तथा अन्य जिलों से आए जनप्रतिनिधियों कार्यकर्ताओं और परिचितों ने लालघाटी स्थित वीआईपी विश्रामगृह पहुंचकर बधाई और शुभकामनाएं दी
Image
बेटे के वियोग में गीत बनाया , बन गया प्रेमियों का सबसे अमर गाना
Image
मॉर्निंग वॉक ग्रुप के सदस्यों ने निकाली तिरंगा रैली “भारत माता की जय” और “वन्दे मातरम्” के नारों से गुंज उठा विक्रम विश्वविद्यालय परिसर
Image
मां चामुंडा का आशीर्वाद लेकर पद ग्रहण किया निगम आयुक्त ने
Image