ऑनलाइन वर्चुअल डिजिटल यज्ञोपवीत धारण करवाया

उज्जैन।अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के संयोजन में ऑनलाइन वर्चुअल डिजिटल यज्ञोपवीत धारण की गई एवं हेमाद्री स्नान सप्त ऋषि पूजन कर श्रावणी उपा कर्म मनाया गया जिसमें अनेक ब्राह्मण जनों ने ऑनलाइन डिजिटल वर्चुअल लिंक के माध्यम से अपने अपने घरों पर ही यज्ञोपवीत संस्कार संपन्न कियासादर प्रकाश नार्थ- दैनिक- रक्षाबंधन पर ब्राह्मण समाज का  हाईटेक  ऑनलाइन  यज्ञोपवीत  धारण हेमाद्री स्नान श्रावणी उपाकर्म संस्कार संपन्न किया-  - घरों तथा अपने-अपने मठ मंदिर एवं स्थानों में  रहकर गूगल मीट  एप के माध्यम से मनाया गया 'श्रावणी पर्व',,


,,श्रावणी पर्व पर हेमाद्री दस विधि पंचगव्य स्नान कर ब्राह्मण जनो ने जनेऊ धारण की


उज्जैन - अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के तत्वाधान में 3 अगस्त को 'श्रावणी पर्व' जिला प्रशासन द्वारा प्रतीकात्मक सीमित मात्रा में प्रतिबंधात्मक अनुमति प्राप्त होने की स्थिति के मद्देनजर सभी विप्र जन अपने-अपने घरों में रहकर गूगल मीट एप के माध्यम से आयोजित किया गया रामघाट एवं सिद्धवट किड्स से आचार्यों द्वारा ऑनलाइन डिजिटल वर्चुअल मंत्रोच्चार के साथ कई ब्राम्हण जनों को जोड़कर यज्ञोपवीत संस्कार कराया जिस का सीधा प्रसारण फेसबुक पर भी तथा ऑनलाइन लिंक के माध्यम से संपन्न कराया गया जिसमें बड़ी संख्या में ब्राह्मण जनों ने आनलाइन वर्चुअल डिजिटल के माध्यम से अपने अपने घरों में तथा अपने अपने तीर्थ स्थानों में बैठकर उक्त संस्कार संपन्न कराया गया । अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि श्रावणी ब्राह्मणों का सबसे बड़ा पर्व है। इस बार यह पर्व आचार्य पंडित द्वारकेश व्यास के नेतृत्व में ऑनलाइन डिजिटल वर्चुअल लिंक के माध्यम से सिद्धवट मंदिर तीर्थ पर प्रातः 10:00 बजे से  तथा आचार्य पंडित , पंडित राम शुक्ल तथा कपूर शुक्ल  के आचार्य तत्व में  रामघाट उज्जैन पर प्रातः 8:00 से ऑनलाइन डिजिटल वर्चुअल लिंक के   गूगल मीट  एप के माध्यम से  रामघाट तीर्थ से  सीधे मनाया गया उक्त दोनों ही तीर्थ स्थानों पर कोराना महामारी एवं लॉकडाउन  के प्रतिबंधात्मक  जिला प्रशासन के आदेश के कारण प्रतीकात्मक रूप से आचार्यों के सानिध्य में   विधि प्रारंभ की गई। जिसमें सभी सामाजिक बंधुओं को   हेमाद्रि,दसबिधि ,पंचगव्य स्नान, कर विधि-विधान से पूजन एवं श्रावणी पर्व की ऋचाएं पूरी कराई गई। इसके लिए सभी लोग अपने घरों में प्रातः ठीक 8:00 बजे से रामघाट से लाइव तथा प्रातः 10 बजे से सिद्धवट मंदिर तीर्थ से गूगल मीट एप प्लेटफॉर्म पर जुड़ें। आचार्य पंडित द्वारकेश व्यास एवं आचार्य पंडित राम शुक्ल पंडित आचार्य कपूर शुक्ल तथा गुर्जर गौड़ ब्राह्मण समाज के आचार्य उमाकांत इलू गुरु शुक्ल द्वारा पर्व के महत्व और विधान की जानकारी के साथ पूजन दसविधि   भस्म,मृत्तिका, गोबर, पंचगव्य, गोरज, सप्तधान्य, फल,सर्बोषधि, कुशा, स्वर्ण ये दस बस्तुओं से स्नान कराया गया।  । यज्ञोपवीत धारण कार्यक्रम सर्वश्री पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी पंडित तरुण उपाध्याय पंडित शैलेंद्र द्विवेदी पंडित गौरव उपाध्याय धर्माधिकारी पंडित यश पंड्या पंडित चंदन गुरु व्यास  वेद प्रकाश त्रिवेदी यश जोशी महेंद्र उपाध्याय वीरेंद्र त्रिवेदी पंडित हेमंत शास्त्री विमलेश शास्त्री पंडित सुधीर चतुर्वेदी पंडित जीवन शर्मा पंडित चेतन शास्त्री पंडित शिवम पुजारी पंडित राजेंद्र पंड्या सुधीर पंड्या पंडित उपेंद्र पुजारी पंडित  पंडित   पंडित  अमृतेश त्रिवेदी पंडित योगेश हाड़ा पंडित नीतेश व्यास आदि ने उपस्थित होकर हिमाद्री स्नान एवं नूतन यज्ञोपवित भगवान सप्त ऋषि का पूजन कर धारण करी