- इंदौर
जिला अभियोजन अधिकारी मो. अकरम शेख द्वारा बताया गया कि, न्यायालय डॉ. गौरव गर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी इंदौर के समक्ष थाना चंदन नगर के अप.क्र.244/2020 धारा 353, 336, 188, 269, 270, 147, 149 भादवि एवं धारा 57 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 में जेल में निरूद्ध आरोपीगण (1) सलीम (2) जावेद (3) समीर (4) इमरान के द्वारा जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया एवं जमानत पर छोडे जाने का निवेदन किया गया। अभियोजन की ओर से एडीपीओ श्रीमती दीपा यादव द्वारा जमानत आवेदन का विरोध करते हुए कहां गया कि उक्त आरोपियों का अपराध गंभीर प्रकृति का है एवं आरोपियों को जमानत का लाभ दिया गया तो उनके फरार होने की संभावना है। आरोपियों का अपराध ऐसी वैश्विक महामारी के दौर में एक निश्क्रितम अपराध की श्रेणी में आता है। अत: आरोपीगण का जमानत आवेदन निरस्त किया जाएं। अभियोजन के तर्को से सहमत होते हुए न्यायालय द्वारा आरोपीगण का जमानत आवेदन निरस्त किया गया।
अभियोजन की कहानी इस प्रकार है कि अभियोगी थाने द्वारा आरोपीगण के विरूद्ध इस आशय का कथन करते हुए एक प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गयी है कि कोरोना वायरस की रोकथाम हेतु माननीय कलेक्टर महोदय द्वारा धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा जारी की गयी थी जिसके तहत पुलिस प्रशासन द्वारा आदेश का बडी ही कडाई से पालन कराया जा रहा था। दिनांक 07/04/2020 को 5-6 लोग चंदूबाला रोड, गली नं. 10 पर एक टाटा मैजिक पर बैठे हुए थे तथा उन सभी लोगों पुलिस फोर्स द्वारा घर जाने के लिए कहा गया तब वे लोग चिल्लाने लगे और कहा कि वे सब्जी लेने जा रहे है, तुम हमें रोक नहीं सकते। इसी बीच में मैजिक वैन में बैठे हुए लोगो ने पुलिस कर्मीयों व नगर सुरक्षा समिति के सदस्यों के साथ धक्का मुक्की कर उनके साथ मारपीट की व गाली गलौच कर रोड पर पड़े पत्थर फेंकने लगे। इस प्रकार उक्त व्यक्तियों द्वारा धारा 144 जा.फौ. के तहत जारी निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए शासकीय कार्य में बाधा पंहुचाने एवं भीड इकट्ठा कर संक्रामक बीमारी कोरोना के संक्रमण का खतरा बढाकर आम लोगों के जीवन में कोरोना के संक्रमण का खतरा पैदा किया। अभियोगी द्वारा उपरोक्त कथनों के आधार पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।