फेसबुक गैंग के गुंडे दुर्लभ कश्यप की हत्या

उज्जैन. माथे पर लंबा टीका, आंखों में काजल, गले में ब्लेक कपड़ा... और फेसबुक के जरिए दहशत फैलाकर रंगदारी वसूल करने वाले 20 से 30 साल के युवाओं की गुंडा गैंग का मुखिया दुर्लभ कश्यप रात लगभग 2:00 बजे उसके दुश्मन के साथ हमले में मारा गया ,उसका एक साथी गंभीर अवस्था में इंदौर रेफर किया गया है ।लगभग 1 साल पहले पुलिस ने जब मीडिया के सामने आतंक के नए चेहरे का खुलासा किया, तो सभी चौंक गए थे। उस वक़्त पकड़ाई गैंग के सदस्यों ने बताया था कैसे फिल्मी अंदाज में वे वारदातों को अंजाम देते थे, नए लड़कों को अपने साथ मिलाकर पैसा कमाने का लालच दिया जाता था। खौफ पैदा करने के लिए सोशल मीडिया और फेसबुक पर भी पोस्ट भी डाली जाती थी। दुर्लभ कश्यप इस गैंग का मुखिया था,यह गैंग फेसबुक से ऑपरेट होती थी। गैंग सदस्यों ने शहर में कई बड़े अपराधों को अंजाम दिया और जल्द ही नए अपराध की योजना भी बना रह थे,


पहली बार अक्टूबर 2019 में गैंग, पुलिस की नजर में आ गई थी। इसके बाद पुलिस ने लूट की योजना बनाते हुए गैंग के सदस्यों को पकड़ा भी था । पुलिस ने गैंग के 15 सदस्यों को गिरफ्तार किया था जबकिदो सदस्य फरार थे,पकड़ाए लोगों से पुलिस ने हथियारों का जखीरा बरामद भी किया था। इस फेसबुक गुंडा गैंग का सरगना दुर्लभ कश्यप खुद को कुख्यात बदमाश हेंमत वाडिया उर्फ बोखला के उत्तराधिकारी के रूप में प्रस्तुत कर रहा था। 


फेसबुक से लेते थे धमकाने की सुपारी


गैंग के दुर्लभ कश्यप का फेसबुक पर स्टेट्स था कि वह कुख्यात बदमाश, हत्यारा और अपराधी है कोई सा भी विवाद करना हो, तो सम्पर्क करें। इसी के साथ इन लोगों की प्रोफाइल पर हथियारों के साथ पोस्ट, धमकाने और दहशत फैलाने वाली पोस्ट डली जाती थीं। अक्टूबर 2019 में पकड़ी गई गैंग से पूछताछ में सामने आया था कि यह लोग पैसे लेकर लोगों को धमकाने और हमला करने का काम करते थे


गैंग के लोगों की फेसबुक आइडी का संचालन करने के लिए भी एक टीम बना रखी थी। जो दहशत फैलने का काम करती थी


 


2019 में इन वारदातों को दिया था अंजाम


4 अक्टूबर - अंकपात मार्ग पर सोलंकी होटल के सामने भूपेंद्र पिता देवीचरण पर जानलेवा फायर।


 


4 अक्टूबर - दुर्गा कॉलोनी में फायर। मनीष मीणा व उसके साथियों पर हमला।


 


8 अक्टूबर - अवंतिपुरा में तोडफ़ोड़। शुभम पिता प्रहलाद पर हमला। इसी के साथ पूर्व में कई अन्य वारदातों में इनके नाम आ रहे हैं।


 


पकड़े गए  थे आरोपी


लक्की बंसल, रितेन्द्र सिंह जौदान, राहुल माल, शंकर खरे, रोहित इकले, सूरज नरवले, अमन मालवीय, गोलू उर्फ शाईन खान, आदित्य चावडे, रोहित मालवीय, रोहित शोकटिया, अंकित गेहलोत, नितेश कनौजिया, मीतू उर्फ कुशाग्र सोनी, दुर्लभ कश्य बाद में दुर्लभ कश्यप और उसके कुछ साथी जमानत पर जेल से बाहर थे,


हथियार हुए थे बरामद


एक देशी कट्टा, पांच पिस्टल, पांच तलवार, आठ चाकू, एक फायर किया हुआ राउण्ड, प्वाइंट 22 के चार राउण्ड।


माथे पर टीका, आंखों में काजल


अपराध की दुनिया में कदम रखने वाले नए लड़कों ने अपनी गैंग का ड्रेस कोड भी निर्धारित किया था। सभी लोग माथे पर लंबा टीका लगाते थे। साथ ही आंखों में काजल, गले में ब्लेक कलर का कपड़ा डालते थे। यह सभी बड़े बाल भी रखते थे। खुद की लाइफ स्टाइल को काफी अलग कर रखा था। यह हर तरह का नशा भी करते थे।


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