,,,,,,,,,,,,,,और श्मशान में बदल गई अस्थियां

देवास। मुक्ति मार्ग स्थित श्मशान पर रविवार को किए गए अंतिम संस्कार के बाद सारी सोरने गये अंतिम संस्कार कुंड की पहचान एक परिवार द्वारा गलत कर लिये जाने से दूसरे शव की अस्थियां ले जाने से अजीब स्थिति पैदा हो गई । जब दूसरे परिवार के लोग पहुंचेे तो अपनेेे परिजन की अस्थियां ना दिखने पर हैरान रह गए और हंगामा खड़ा हो गयय। जब मुक्तिधाम के जवाबदार व्यक्ति से पूछा तो संतोषजनक जवाब नहीं मिला और परेशान लोगों ने खुद ही हल खोजने का प्रयास शुरू किया बाद में पता चला कि पास में रखे अन्य व्याक्ति द्वारा गलत फहमी में 5 नंबर प्लेटफार्म पर रखे व्यक्ति की अस्थियों को 4 नंबर प्लेटफार्म वाले ले गये है। जिस पर फोन लगाकर जानकारी मांगी गई तो उन्होंने बताया कि हमनेेे अपने परिजन का समझकर उनका विधि विधान से अस्थियां उठाई और शिप्रा में विसर्जन किया गया।


ऐसे ही देवास के मोती बंगले में रहने वाले एक परिवार के साथ हुई घटना के बाद उन्होने समाचार लाईन को बताया कि हमारी माताजी सुलोचना(85) की मृत्यु रविवार 11 अक्टूम्बर को हुई थी जिनका अंतिम संस्कार देवास मुक्तिधाम में पांच नंबर प्लेटफार्म पर किया गया था और मंगलवार को जब अपने परिवार के साथ दाह संस्कार स्थल पर देखा तो हजस स्थान पर दाग दिया था वह स्थान खाली था इसके बाद मुक्तिधाम के जवाबदार को इसकी जानकारी दी इस पर रजिस्टर खोल के देखा कि रविवार को किस का अंतिम संस्कार 4 नंबर प्लेटफार्म पर हुआ था इससे पता चला कि देवास के भोसले कॉलोनी में रहने वाले उक्त व्यक्ति द्वारा पांच नंबर प्लेटफार्म पर रखी अस्थियां उठाई गई है जिसके बाद उनको फोन करके बुलाया गया तो उन्होंने अपनी गलती मानते हुए पांच नंबर प्लेटफार्म के परिजनों को आगे की विधि में उपयोग आने वाली कलश में रख िअस्थियां देकर फिर से एक बार गलती मानी। जिसके बाद 4 नंबर प्लेटफार्म पर रखे अपने परिजन की अस्थियां विधि विधान से उठाई गई। ऐसा पहला मामला नही है इसके पहले भी ऐसा एक बार देवास मुक्तिधाम में हो चुका है जब अस्थियां की अदल बदल हो गई। अगर ऐसी घटना होती है तो परिवार को सदमा लगता है और वह परेशान होते नजर आता है। अगर ऐसी घटनाओं से बचना है तो मुक्तिधाम के जवाबदारों को व्यवस्थाओं में बदलाव करते हुए परिजनों को टोकन देना चहिये जिससे ऐसी घटना नही घटेगी