वंशावली आने वाली पीढ़ियों के लिए मील का पत्थर साबित होगी,,,लगभग 500 साल की और 26 पीढ़ियों के इतिहास को समेटी गोयल वंशावली का विमोचन


उज्जैन ।लगभग 500 साल की और 26 पीढ़ियों के इतिहास को समेटी गोयल वंशावली का विमोचन सुप्रसिद्ध मानव सेवा केंद्र----- सेवाधाम के संस्थापक श्री सुधीर भाई गोयल के मुख्य आतिथ्य एवं उज्जैन अग्रवाल विकास समिति के अध्यक्ष श्री संजय अग्रवाल, सी .ए .के विशेष आतिथ्य में गत दिवस संपन्न हुआ। 

             इस अवसर पर सुधीर भाई ने कहा कि हम अपने पूर्वजों को भूलते जा रहे हैं ।यह विडंबना ही है कि हमारी 2-3 पीढ़ियों के पूर्वजों के फोटो तक घरों में उपलब्ध नहीं रहते हैं ।ऐसे में यह वंशावली आने वाली पीढ़ियों के लिए मील का पत्थर साबित होगी ।इस वंशावली में पूर्वजों के फोटो है । इसे पूजा स्थल पर रखा जाना चाहिए ।वंशावली का प्रकाशन और उसमें पारिवारिक रीति रिवाज संस्कारों और अन्य विस्तृत जानकारी प्रकाशित होने से इससे बड़ा उपकार कोई नहीं हो सकता।


         इस अवसर पर वंशावली के रचनाकार प्रोफेसर डॉ शंकर लाल गोयल का साफा बंधवा कर एवं डॉक्टर चंद्रकांता गोयल का शाल श्रीफल से अभिनंदन अतिथियों एवं समस्त परिजनों द्वारा किया गया ।साथ ही परिवार के वरिष्ठ श्री किशन लाल जी एवं श्री रमेश चंद जी व श्रीमती सुशीला जी को भी विशेष रुप से सम्मानित किया गया । सम्मान पत्र का वाचन श्रीमती प्रीति -अंकुर गोयल एवं श्री घनश्याम गोयल ने किया।

   


विस्तृत परिकल्पना और सुंदर संयोजन द्वारा अत्यंत व्यवस्थित व खूबसूरती से ,अथक श्रम पूर्वक प्रस्तुत की गई खंडेला के लाड़िका......... उज्जैन के गोयल परिवार की वंशावली आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक है ,महान धरोहर है ------ विशिष्ट अतिथि श्री संजय अग्रवाल ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि यह पुस्तक नहीं ,सभी पूज्य पूर्वजों और पूरे परिवार की प्रतीक है। पूजनीय है।       





 में स्वागत भाषण व अतिथि परिचय श्री अंकुर गोयल ने दिया ।पुष्प मालाओं से अतिथियों का स्वागत श्री दिनेश गोयल ,श्री श्याम गोयल ,श्री राजेंद्र प्रसाद गोयल ,डॉक्टर सचिन गोयल ,डॉ पराग गोयल, संजय गोयल आदि ने किया ।  

       


  प्रत्येक परिवार में जब भी लोगों को अपने काम धंधे /व्यापार /प्रोफेशन से फुर्सत मिलती है या ब्याह -शादी या अन्य अवसर पर इकट्ठे होते हैं तो पुरखों की बात अवश्य चलती है ।प्रायः आधी -अधूरी जानकारी के कारण अंधेरे में तीर चलाना पड़ते हैं । अनुमान के घोड़े दौड़ाने पढ़ते हैं।.......................... प्रोफेसर डॉक्टर एस.एल .गोयल ने आगे कहा कि यह वंशावली गोयल परिवार की पीढ़ी -दर -पीढ़ी क्रम दर्शी विवरण प्रामाणिकता और विश्वसनीयता के साथ प्रस्तुत करती है ।हमें भटकने से बचाकर सकारात्मकता की ओर प्रेरित करती है । इसमें इतनी सारी जानकारियां है कि इसे एक प्रकार से परिवार का इनसाइक्लोपीडिया या विश्वकोश भी कहा जा सकता है।

                  यद्यपि यह वंशावली खंडेला के लाड़िका............. श्री विजय लाल लक्ष्मी नारायण जी अग्रवाल गोयल परिवार उज्जैन केंद्रित है ।फिर भी इसमें परिवार की मूनका शाखा को और अन्य सबको पर्याप्त समाहित करने की कोशिश की गई है। इसलिए विविध संदर्भों में इसमें गहनता एवं व्यापकता है।

                      इस अवसर पर श्री सिद्धार्थ गोयल, श्री अशोक गोयल , श्री कैलाश चंद्र गोयल ,श्री अनिल ,श्री विजय ,श्री मयंक ,श्री गोपाल ,आनंद श्री नकुल श्री अभिषेक श्री प्रवर , रूझान, श्रीमती सुमित्रा , श्रीमती वंदना ,श्रीमती कृति ,निधि सहित बड़ी संख्या में लगभग पूरा गोयल परिवार मूनका एवं लाड़िका उपस्थित थे ।


      समारोह को श्रीमती अनीता डॉक्टर सचिन, डा चंद्रकांता, श्रीमती सुशीला -डा शरद, श्रीमती विभा -घनश्याम ने भी संबोधित किया।

             कार्यक्रम का संचालन डॉ भावना गोयल एवं श्रीमती नेहा ने किया । आभार श्रीमती मनीषा- धवल ने माना ।


                कार्यक्रम उज्जैन के अत्यंत प्राचीन श्री राम जनार्दन मंदिर के परिसर में संपन्न हुआ ।सभी ने पुस्तक की सुंदरता और कार्यक्रम की मुक्त कंठ से सराहना की।