सिटी बस मे अभद्रता और मनचाहा लगेज ? गुण्डागर्दी से भी नहीं है कंडक्टर को परहेज


देवास । सेवासूत्र सिटी बसें सुन्दर और सुविधाजनक हैं,इनका संचालन जनसुविधा के लिये किया गया है लेकिन इनके स्टाफ का व्यवहार घटिया और गुण्डागर्दी वाला है । ठेकेदारी मे संचालित इन बसों के  ड्राइवर- कंडक्टर लिफाफे और छोटे पार्सल लाने के भी सौ रुपये वसूल रहे हैं और सवाल करने पर कहते हैं एस पी को शिकायत कर दो हम सौ रुपये ही लेंगे ।

       इन बसों मे बदतमीज और टपोरी  जेसे कंडक्टर यात्रियों से अभद्र व्यवहार कर महिला यात्रियों को आते जाते समय बेड-टच भी करते हैं । 

      19 दिसम्बर शनिवार की शाम सवा चार बजे जब हम्माल राजु भाऊ और हिम्मत बाबा पार्सल लेने  सेवासूत्र सिटी बस 4151 पर पहुंचे तो ड्राइवर ने कहा सौ रुपये दो । राजु भाऊ ने कहा प्रायवेट बसों पर 30 से 50 रुपये लगते हैं तब तक बस का कंडक्टर आ गया और आक्रमक होकर  बोला अब पार्सल नहीं मिलेगा,हम वापस इम वापस इन्दौर ले जाएंगे ,जाओ एस. पी. को शिकायत कर  दो । बात बढ़ती देखकर कुछ लोगों ने समझाया तो कंडक्टर बोला हम लिफाफे के भी सौ रुपये लेते हैं और लेंगे कोई रोककर बता दे ।

 इस घटना के गवाह एक वरिष्ठ पत्रकार भी रहे, एक कंडक्टर बस स्टेण्ड पर एस पी का नाम लेकर कहे कि जाओ शिकायत कर दो तब कानून व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है? । पत्रकार द्वारा  भी कहा गया  कि हम्माल पचास रुपये छोटे से पार्सल के दे रहा है  लेलो तब ड्राइवर कंडक्टर का कहना था कि हम तो खुलेआम सौ रुपये लेते हैं और लेते रहेंगे । कहीं शिकायत करना है अभी करो । इतना ही नहीं हम्माल को गालियाँ देकर मारने पर उतारु हो गये कि पत्रकारों से शिकायत करता है ।

       बस चालक और कंडक्टर क व्यवहार गली के टुच्चे मवालि से भी हल्का दिखाई दे रहा था ।

          फिर कुछ लैगों ने समझाया तब भी सो रुपये लेकर पार्सल दिया गया और हम्माल को धमकी भी दी गई । सेवासूत्र(सिटी बस)  मे पार्सल लिफाफे के नाम पर ड्राइवर कंडक्टर को लूट और अभद्र व्यवहार की छूट किसने दी?

कंडक्टर द्वारा यह कहना कि एस पी को शिकायत कर दो इस बात का प्रतीक है कि अवैध वसूली का हिस्सा पुलिस भी लेती है । बस  स्टेण्ड की पुलिस चौकी और पुलिस ड्यूटी क्या शो-पीस है?।

        सेवासूत्र के ड्राइवर कंडक्टर पर अंकुश नहीः लगाया गया तो किसी दिन बड़ा विवाद  हो सकता है क्योंकि 4151 बस के ड्राइवर कंडक्टर सेवा नहीं  गुण्डागर्दी करते दिखायी दिये और सार्वजनिक रुप से कहते हैं  एस पी को शिकायत कर दो हम तो सौ रुपये ही लेते हैं और पुलिस को देते भी  हैं । अब इस तरह सौ रुपये लिफाफे और छोटे पार्सल के लेने के लिये इन्हें किसने स्वीकृति दी हे? क्या ये बिना रसीद के सौ रुपये ले सकते हैं? ,एक दिन मे कितने पार्सल और लिफाफे लाते हैं?,क्या पुलिस को भी देते हैं ? इन सवालों के जवाब मिलना चाहिए और संबंधितों को इस तरफ गंभीरता से ध्यान देना चाहिएं ।

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