इसे कहते है लाईलाज अंधापन
14 बार सूचना के अधिकार में मांगी जानकारी, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारी दे रहे गोलमोल जवाबभ्रष्ट लोक सूचना अधिकारी को हटाये जाने की मांग
उज्जैन। एएनएम माया जिंदल की मौत के बाद दस्तावेजों में हुई धोखाधड़ी को लेकर माया के पति धनेश जिंदल द्वारा 13 अक्टूबर 2020 से 29 सितंबर तक 14 बार आवेदन देकर सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई लेकिन अधिकारी गोलमोल जवाब देकर उलझाने में और भ्रष्टों को बचाने में लगे हैं। सोमवार को संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं एवं कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा गया जिसमें सूचना के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत वांछित जानकारी व दस्तावेज नहीं दिये जाने पर भ्रष्ट लोक सूचना अधिकारी को हटाये जाने की मांग की गई।
न्यू लक्ष्मीनगर निवासी धनेश जिंदल ने बताया कि सूचना के अधिकार के तहत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से दस्तावेजों के लिए अनुरोध किया था, जिसमें अधिकारी ने वांछित जानकारी दस्तावेज ना उपलब्ध कराकर गोलमोल पत्र के माध्यम से गोलमोल उत्तर दे दिया। जो जानकारी मांगी गई वह नहीं दी गई। धनेश ने कहा कि पुत्री मान्या के साथ हुई धोखाधड़ी, षड़यंत्र करते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने पात्र को अपात्र करना और अपात्र को शासकीय लाभ देने में महावीर खंडेलवाल एवं प्रीति भावलकर सहित वरिष्ठ अधिकारी और बाबू शामिल हैं। जिसके कारण सूचना के अधिकार के तहत दी जाने वाली जानकारी छिपाई जा रही है। ज्ञातव्य है कि स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत माया जिंदल की बेटी को जन्म देने के बाद 30 मई को मौत हो गई थी। इसके बाद से न्याय के लिये धनेश जिंदल कई आवेदन, शपथ पत्र नोटरी के साथ दे चुका है लेकिन आज तक न्याय नहीं मिला। धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए सूचना के अधिकार में मांगी गई जानकारी देने में टालमटोल की जा रही है तथा गोलमोल जवाब दिये जा रहे हैं। धनेश ने पुलिस अधीक्षक, कलेक्टर, संभागायुक्त, क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य आयुक्त, राष्ट्रपति, राज्य सूचना आयोग, विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर मांग की कि सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी प्रदान करवाई जाए तथा धोखाधड़ी तथा भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उचित दंड दिया जाए। भ्रष्ट लोक सूचना अधिकारी को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए एवं इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए दंडित किया जाए।
रिश्वत नहीं दे पाया तो सेवा पुस्तिका से मेरा नाम हटाया
धनेश जिंदल ने आरोप लगाया कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी महावीर खंडेलवाल एवं प्रीति भावलकर ने मुझसे रिश्वत की मांग की थी, रिश्वत ना दिए जाने पर मेरी पत्नी माया जिंदल की सेवा पुस्तिका अभिलेखों में छेड़छाड़ कर मेरा नाम हटाकर पंकजसिंह तथा रूकमाबाई के नाम चढ़ा दिये। धनेश ने दावा किया कि उसके प्रमाण भी मेरे पास हैं।