खुद डूब गया पर डूबने से बचा गया उज्जैन का नाम

 उज्जैन। शिप्रा नदी में डूब रहे मामी भांजे को बचाने में तैराक ने अपनी जान गवा दी ,उसने महिला को तो सुरक्षित निकाल लिया था लेकिन पुरुष को बचाने में स्वयं भी गहरे पानी में चला गया, एक अन्य तेराक ने जब डूबते हुए देखा तो वह भी पानी में कूद पड़ा और बेहोशी की हालत में उसे पानी से निकाला। अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बताया जाता है कि महाराष्ट्र के जलगांव से हरीश अपनी मामी मंगल बाई जोकि औरंगाबाद में रहती है के साथ उज्जैन महाकालेश्वर दर्शन और शिप्रा नदी में स्नान करने आया था, शिप्रा नदी में स्नान करते वक्त मामी मंगल  बाई गहरे पानी में चली गई उसे बचाने भांजा हरीश भी पानी में कूदा लेकिन उसे तैरना नहीं आता था, जान बचाने के लिए जब वह चिल्लाया तो तैराक पंकज चावडा भी पानी में कूद पड़ा उसने मामी और भांजे को तो बचा लिया ,लेकिन खुद गहरे पानी से बाहर नहीं निकल पाया और उसकी मौत हो गई। शिप्रा के तट पर हुई इस घटना के बाद तट पर मौजूद लोगों की आंखें नम थी।



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