कोरोना के मरीजों की संख्या में आश्चर्यजनक वृद्धि होने से एक और जहां शहर में दहशत , वहीं दूसरी ओर प्रशासन की कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में है

 उज्जैन । पिछले 7 दिनों में कोरोना के मरीजों की संख्या में आश्चर्यजनक वृद्धि होने से एक और जहां शहर में दहशत ,वहीं दूसरी ओर प्रशासन की कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में है। 

 कोरोना मरीजों के सरकारी आंकड़े रात 11:00 बजे जारी होने को लेकर भी प्रशासन की कार्य करने की शैली समझ से बाहर है, पूरे प्रदेश में उज्जैन ऐसा अकेला शहर होगा जहां रात के अंधेरे में कोरोना बुलेटिन जारी किया जाता है, आंकड़ों पर नजर डाले तो स्तिथि नियंत्रण से बाहर नजर आती है।

 22 फरवरी को 73 जांच में सिर्फ 4 पॉजिटिव ,23 फरवरी को 305 में 6 पॉजिटिव , 24 फरवरी को 265 में 7 पॉजिटिव, 25 फरवरी को 234 में 4 पॉजिटिव , 26 फरवरी को 252 में 8 पॉजिटिव ,27 फरवरी को 288  में 12 पॉजिटिव और 28 फरवरी को सबसे ज्यादा चौकानेवाले परिणाम सामने आए 129 में 14 रिपोर्ट पॉजिटिव आई,,,,,,, 22 तारीख से लेकर 28 फरवरी तक का 7 दिन का ग्राफ देखे तो क्रमशः 4%, 1.9 6%,,, 2 .7 प्रतिशत 1 . 7 प्रतिशत ,,,3% ,,,,,4% और 28 फरवरी को सर्वाधिक 11% पॉजिटिव आए, अर्थात 100 में से 11 पॉजिटिव निकले यह रिपोर्ट ना सिर्फ चौका देने वाली है बल्कि भविष्य के खतरे की तरफ भी इशारा कर रही है।

कोरोना के बढ़ते मरीजों को लेकर प्रशासन की कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में है

विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी यूके मुताबिक बुलेटिन में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के आंकड़ों को छुपाया जा रहा है, शहर की अनेक प्राइवेट लैब में पॉजिटिव आने वाले मरीजों की जानकारी हेल्थ बुलेटिन में दर्शाई नहीं जा रही है, इस संबंध में मालव क्रांति को  पुख्ता जानकारी


हासिल हुई है, उदाहरण के तौर पर संजीवनी अस्पताल में ऐसे अनेक मरीज पिछले तीन-चार दिनों में भर्ती हुए हैं ,जिनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, लेकिन प्राइवेट लैब में टेस्ट करवाने के कारण उनकी रिपोर्ट को कोरोना बुलेटिन में शामिल नहीं किया गया है. मुंबई से आई एक दंपत्ति भी 4 दिन पहले प्राइवेट लैब में जांच के बाद पॉजिटिव आई थी लेकिन उन्हें भी हेल्थ बुलेटिन में शामिल नहीं किया गया, प्राइवेट लैब में होने वाली जांचों को बुलेटिन में शामिल नहीं किए जाने से कोरोना पॉजिटिव आने वाले मरीजों की जानकारी उनके पड़ोसी तक को नहीं हो रही है जिसके कारण कोरोना से बचाव के प्रयास बेमानी साबित हो रहे हैं। प्राइवेट लैब में मरीजों से वसूली भी जमकर हो रही है पुलिस कंट्रोल रूम के सामने स्थित एक लैब में एक जांच के 14 सो रुपए वसूले जा रहे हैं।

Popular posts
शहर के प्रसिद्ध चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ सुरेश समधानी द्वारा छत से कूदकर आत्महत्या किए जाने की कोशिश
Image
ये दुनिया नफरतों की आखरी स्टेज पर है  इलाज इसका मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं है ,मेले में सफलतापूर्वक आयोजित हुआ मुशायरा
उज्जैन के अश्विनी शोध संस्थान में मौजूद हैं 2600 साल पुराने सिक्के
Image
सेक्स वर्कर्स को गिरफ्तार या परेशान न करे,,,अपनी मर्जी से प्रॉस्टीट्यूट बनना अवैध नहीं है,,वेश्यालय चलाना गैरकानूनी है ,,,, सुप्रीम कोर्ट
Image
बेटे के वियोग में गीत बनाया , बन गया प्रेमियों का सबसे अमर गाना
Image