रैली, जुलूस, गेर, फाग उत्सव, मिलन समारोह, प्रदर्शन, मेलों के आयोजन, धरना आदि का आयोजन प्रतिबंधित

 रैली, जुलूस, गैर, फाग उत्सव, मिलन समारोह, प्रदर्शन,

मेलों का आयोजन, धरने आदि पर प्रतिबंध


कलेक्टर ने धारा-144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये


      उज्जैन 18 मार्च। कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण आमजन के स्वास्थ्य एवं जीवन को लेकर प्रतिकूल परिस्थितियां निर्मित होने की संभावनाओं को देखते हुए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री आशीष सिंह ने दण्ड प्रक्रिया संहिता-1973 की धारा-144 के तहत उज्जैन जिले की सम्पूर्ण राजस्व सीमाओं के अन्तर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करते हुए किसी भी प्रकार की रैली, जुलूस, गेर, फाग उत्सव, मिलन समारोह, प्रदर्शन, मेलों के आयोजन, धरना आदि का आयोजन प्रतिबंधित कर दिया है। उक्त आदेश 17 मार्च से आगामी दो माह तक प्रभावशील रहेगा।


      कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी किये गये आदेश अनुसार-



·           खुले मैदान में आयोजित होने वाले समस्त सामाजिक, शैक्षणिक, राजनैतिक, धार्मिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक कार्यक्रम जिनमें 100 से अधिक व्यक्ति शामिल होना संभावित है, बिना अनुमति प्रतिबंधित किये गये हैं।


·           दुकानों एवं अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर मास्क, सेनीटाइजर का उपयोग एवं रस्सी के माध्यम से अथवा चूने के गोले बनाये जाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जायेगा। शासन के निर्देशों का पालन करना एवं करवाना सम्बन्धित प्रतिष्ठान के संचालक का उत्तरदायित्व होगा।


·           भारत सरकार एवं मप्र शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण के सम्बन्ध में जारी एडवायजरी के अनुसरण में भारत के बाहर से आने वाले नागरिकों को जिला चिकित्सालय द्वारा संचालित कोरोना आइसोलेशन सेन्टर में जांच उपरान्त ही जिले में प्रवेश की अनुमति प्रदान की जायेगी।


·           आमजन को सार्वजनिक स्थानों पर जन-सुरक्षा की दृष्टि से चेहरे पर मास्क धारण करना अनिवार्य होगा।


       उक्त प्रतिबंधात्मक आदेशों का पालन अनिवार्य होगा, किन्तु आवश्यक होने पर विशेष एवं विषम परिस्थितियों में सम्बन्धित क्षेत्र के अनुविभागीय दण्डाधिकारी अपनी अधिकारिता अन्तर्गत सम्बन्धित क्षेत्र के पुलिस अधिकारी से आवश्यक परामर्श कर आवश्यक छूट/अनुमति जारी करने के लिये सक्षम प्राधिकारी होंगे, किन्तु अनुमति की पूर्व सूचना जिला दण्डाधिकारी को प्रदान करना आवश्यक होगी। उक्त आदेश का उल्लंघन भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-188 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा।


                                           

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