उज्जैन। एक और जहां कोरोना के बढ़ते मामले परेशान कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर कोरोना के रिपीट पॉजिटिव मामले भी अब डरा रहे हैं ।
इसके अलावा अन्य जिलों से आने वाले और आकर उज्जैन में जांच करवाने वालों का आंकड़ा भी कम नहीं है, हालांकि दूसरे जिले से आने वाले पॉजिटिव आने वालों का आंकड़ा उज्जैन जिले की पॉजिटिव आने वालों की सूची में शामिल नहीं होता है, लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता की दूसरे जिले के ऐसे पॉजिटिव मरीज जो उज्जैन में आकर जांच करवाने पर पॉजिटिव निकले वह इस शहर के ही पॉजिटिव मरीजों के आंकड़े की संख्या है।
अन्य जिलों से उज्जैन आकर पॉजिटिव होने वालों का आंकड़ा भी अब डराने लगा है ,मार्च के ही आंकड़ों को ले तो 5 मार्च से 31 मार्च तक कभी एक तो कभी दो और कभी 4 तथा सर्वाधिक सात मामले 31 मार्च को सामने आए थे, मार्च में कुल41 positive अन्य जिले से आए थे, लेकिन 1 अप्रैल याने अप्रैल के पहले ही दिन अन्य जिलों से उज्जैन आकर पॉजिटिव होने वाले 8 मरीज सामने आए ।1 अप्रैल को यूं तो जारी जारी हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक 85 positive सामने आए थे, 8 को भी मिला ले तो यह आंकड़ा 93 होता है।
इसी तरह रिपीट पॉजिटिव आने वालों का आंकड़ा भी 1 अप्रैल को चौंका देने वाला रहा 1 मार्च से 31 मार्च तक कभी एक तो कभी दो और कभी 4 और सर्वाधिक 30 मार्च को 8 रिपीट पॉजिटिव आए, पूरे मार्च का रिकॉर्ड देखे तो 61 रिपीट पॉजिटिव सामने आए थे ,लेकिन अप्रैल के पहले ही दिन 19 रिपीट पॉजिटिव आना पड़े खतरे का संकेत है । रिपीट पॉजिटिव आने वालों में दशहरा मैदान में रहने वाले 64 वर्षीय एक वरिष्ठ अभिभाषक और उनके 65 वर्षीय बड़े भाई शामिल है, 1 अप्रैल को ही अन्य रिपीट पॉजिटिव आने वालों में मंदिर का पंडित, शासकीय शिक्षक, विद्युत मंडल का कर्मचारी, प्रॉपर्टी डीलर के साथ-साथ मोमन बड़ोदिया में रहने वाला 15 साल का बच्चा भी शामिल है।
रिपीट पॉजिटिव आने वाले सभी मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं जिससे नए आने वाले पॉजिटिव मरीजों को बेड उपलब्ध होने में परेशानी भी हो रही है, रिपीट पॉजिटिव आने वालों का आंकड़ा जिस तेजी के साथ 1 अप्रैल को शिखर पर पहुंचा उससे लगता है कि कोरोना से जल्दी मुक्ति की संभावनाएं कम है।