पति की मौत के बाद पत्नी भी चल बसी,, अग्रवाल समाज सकते में,,, वरिष्ठ पत्रकार के दो भाइयों की भी 10 दिन के अंतराल में मौत

 उज्जैन ।आज का दिन भी कोरोना से या कोरोना संक्रमण के चलते इलाज के दौरान दम तोड़ने वालों के नाम रहा एक के बाद एक दुखद खबरें आती रही इनमें से कौन कोरोना से मरा है और कौन कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद दुनिया से गया है इसकी पुष्टि करने वाला कोई नहीं है। लेकिन अचानक शहर के अनेक जाने-माने लोगों का देवलोक गमन हो जाने से अग्रवाल समाज सहित अन्य समाज के प्रबुद्ध जन सकते में है। अग्रवाल समाज के एक वरिष्ठ सदस्य की 2 दिन पहले कोरोना से मौत हो गई थी आज उनकी पत्नी की कोरोना के इलाज के चलते मौत हो गई,

 श्री वस्त्रालय  गोटे वाले  नई पेठ के रमेश जी शाह के बड़े भाई की कोरोना से मृत्यु के बाद आज लक्ष्मी नारायण जी की धर्मपत्नी रमेश जी शाह की भाभी वह भी कॉविड की शिकार होकर अस्पताल में उपचार करा रही थी जिनका भी देवलोक गमन हो गया है। अग्रवाल समाज के ही वरिष्ठ व्यापारी की भी अचानक मौत हो गई, गोंदा चौकी स्थित स्वर्गीय भगवान दास जी अग्रवाल दाल वाले के सुपुत्र कैलाश जी अग्रवाल कोरोना के चलते अस्पताल में भर्ती थे जिनका देवलोक गमन हो गया है 

स्वर्गीय श्री सागरमल जी कोठरी के सुपुत्र श्री लोकेश कोठारी (लक्ष्मी नगर) वाले की भी मौत हो गई।

जिले में प्रतिदिन कोरोना से मौतों की जानकारी सामने आ रही है। माधवनगर, आरडी गार्डी, अमलतास और चरक कोविड सेंटर से दर्जनों की संख्या में शव श्मशान घाट भेजे जा रहे हैं। आज सुबह चरक कोविड सेंटर में शहर के एक प्रतिष्ठित बस संचालक कुलवंतसिंह का भी कोरोना से इलाज के दौरान निधन हो गया। वे तराना से एक वर्ष पूर्व ही उज्जैन निवास करने आए थे। करीब सात दिनों से वे चरक कोविड सेंटर में भर्ती थे। आज सुबह उनकी मौत हो गई। वहीं तेलीवाड़ा निवासी एक नमकीन व्यापारी ने भी चरक अस्पताल में दम तोड़ दिया।

उल्लेखनीय है कि अस्पतालों द्वारा मरीजों को पॉजिटीव बताकर भर्ती किया जा रहा है और जब उनकी मौत हो जाती है तो उन्हें नेगेटिव बताकर परिजनों को सौंप दिया जाता है इस कारण अस्पतालों में प्रतिदिन हंगामें की घटना  भी सामने आ रही है।

शहर के वरिष्ठ पत्रकार के दो भाइयों की 10 दिन के अंतराल में मौत



शहर के  वरिष्ठ पत्रकार महेश वशिष्ठ के दो भाइयों की मौत भी 10 दिन के अंतराल में हो गई है उज्जैन में 11 अप्रैल को सुरेश वशिष्ठ जोकि शहर के जाने-माने और प्राचीन फोटोग्राफर थे की मौत अचानक हो गई थी, अस्पताल पहुंचने के पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया था ,उनकी मौत में शामिल उनके बड़े भाई उमेश वशिष्ठ जो कि देवास में रहते थे उनकी भी 19 अप्रैल को देवास में मौत हो गई ,बताया जाता है कि छोटे भाई की अंत्येष्टि में शामिल होने के बाद से वह बीमार थे ,शमशान की हालत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि देवास में श्मशान में जगह न होने के कारण उन्हें  पास में स्थित एक गांव अंबापुर में अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया, वहां इस शर्त पर अंतिम संस्कार करने दिया गया की मृतक की अस्थियां दूसरे ही दिन सुबह उठाना होगी ।

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