उज्जैन।कोरोना अब शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से फैल रहा है, ग्रामीण आबादी में संक्रमण फैलने की रफ्तार को यदि नहीं रोका गया तो हालात बद से बदतर हो जाएंगे, क्योंकि शहरों में न तो अस्पतालों में बेड है और ना ही ऑक्सीजन,,, दवाइयों और डॉक्टरों की कमी भी सबके सामने हैं, ऐसे में यदि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की रफ्तार बड़ी तो इसे रोक पाना मुश्किल होगा
ग्रामीण क्षेत्रों में अटैच लेट बाथ और कमरे नहीं होते जिससे कम लक्षण वाले मरीज को घर पर आइसोलेट करना खतरे से खाली नहीं होता ,आइसोलेट वाले मरीज पूरे परिवार और परिवार के बाद पूरे क्षेत्र की आबादी को प्रभावित करेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों के आंकड़ों पर नजर डालें तो सभी 6तहसीलों में मिलाकर जनवरी 2021 में 54 फरवरी में मात्र 18 और मार्च में 138 पॉजिटिव केस सामने आए थे ।3 महीनों में मात्र 210पॉजीटिव के सामने आए,इन 3 महीनों का रिकॉर्ड तोड़ कर 26 अप्रैल तक 882 पॉजिटिव मरीज ग्रामीण इलाकों से सामने आए अर्थात सन 2021 में 3 महीने में जितने मरीज पॉजिटिव आए उस से 4 गुना से भी ज्यादा सिर्फ 26 दिन में सामने आए, यदि अलग-अलग महीनों की तुलना करें तो जनवरी से 16 गुना, फरवरी से 49 गुना और मार्च से 6 गुना से ज्यादा पॉजिटिव केस रिकॉर्ड में दर्ज
है, 26 अप्रैल तक घटिया में 50 तराना में 314 महिदपुर में 105 बड़नगर में 252 खाचरोद में 25 और नागदा में 365 के सामने आए इनमें तराना में सबसे ज्यादा 314 केस सामने आए जो 3 महीने में सभी 6 तहसीलों में आने वाले 210 से भी ज्यादा है। इसके बाद बडनगर का नंबर आता है यहां भी 26 दिन में 252 केस सामने आए जो सभी 6 तहसीलों में 3 माह में आने वाले 210 से ज्यादा है। नागदा, महिदपुर , घटिया और खाचरोद में 26 दिनों में क्रमशः 136, 105, 50, और 25 पॉजीटिव सामने आए, ग्रामीण क्षेत्रों में पॉजिटिव आने वालों की बढ़ती संख्या आने वाले दिनों में विस्फोटक रूप ले सकती है।