कलेक्टर ने कहा माधवनगर अस्पताल में पिछले 24 घण्टे में 1 सैकण्ड के लिए भी ऑक्सिजन की आपूर्ति बंद नहीं हुई है,,,, मंडल अध्यक्ष की मौत से बवाल मचा

 उज्जैन कोविड-19 अस्पताल माधव नगर में भारतीय जनता पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया हंगामे की वजह भारतीय जनता पार्टी मंडल अध्यक्ष जितेंद्रे की मौत है बताया जाता है कि जितेंद्र शेरे माधव नगर अस्पताल में भर्ती थे और कल रात लगभग 11:50 पर उन्होंने कुछ ग्रुप में मैसेज किया था कि माधव नगर अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म हो रही है जिसकी वजह से कुछ जिंदगी खतरे में पड़ सकती है ।आरोप है कि स्टेटस डालने के बाद 5 लोगों की माधव नगर अस्पताल में मौत हो गई इधर घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दोपहर में घटना के विरोध में अस्पताल में हंगामा किया यहां तक की माधव नगर अस्पताल के प्रभारी और विकास प्राधिकरण के सीईओ सुजान सिंह रावत को भी मारने दौड़े,, इस बीच बड़ी संख्या में पुलिस ने भी पहुंच कर स्थिति को संभाला,,, सुजान सिंह रावत ने बताएं कि अस्पताल में हुई मौत लगस इंफेक्शन के कारण हुई है    ।   

बड़ा सवाल यह है कि क्या कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण ऑक्सीजन की कमी सामने आ रही है यदि ऐसा है तो जिला प्रशासन को स्थिति स्पष्ट करना चाहिए  बरहाल माधव नगर अस्पताल में पुलिस बल लगा दिया गया है और स्थिति नियंत्रण में है लेकिन इस घटना से अस्पताल के कर्मचारी और सेवाभावी डॉक्टर समझ नहीं पा रहे हैं कि पिछले 1 वर्षों से लगातार कोविड-19 के मरीजों की सेवा करने का क्या यही प्रतिफल है।


ऑक्सिजन की कमी से 5 मरीजों की मृत्यु की खबर पूर्णत: गलत- कलेक्टर


 कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने जानकारी दी कि माधवनगर अस्पताल में ऑक्सिजन की कमी से पाँच मरीजों की मृत्यु की खबर पूर्णत: गलत तथा भ्रामक है।


 माधवनगर अस्पताल में अभी भी लगभग 132 मरीज उपचार करा रहें हैं। इनमें से 100 से अधिक मरीज ऑक्सिजन पर निर्भर होकर ईलाज करा रहें हैं। एक मरीज की भी मृत्यु ऑक्सिजन की कमी से नहीं हुई है। सभी को ऑक्सिजन की पूर्ति सिंगल लाईन से करी जाती है। अत: ऑक्सिजन की कमी से 5 मरीजों की मृत्यु का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। माधवनगर अस्पताल में पिछले 24 घण्टे में 1 सैकण्ड के लिए भी ऑक्सिजन की आपूर्ति बंद नहीं हुई है।



कलेक्टर श्री सिंह ने अपील की है कि इस प्रकार की भ्रामक तथा जनता में डर उत्पन्न करने वाली खबरों को सोशल मीडिया पर चलाने से पहले तथ्यों की जाँच अवश्य कर लें। यदि कोई व्यक्ति इस प्रकार की अफवाहें सोशल मीडिया पर फॉरवर्ड करेगा तो उसके विरूद्ध धारा-188 तथा महामारी अधिनियम के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाएगा।