उज्जैन।कोरोना संक्रमण अपने चरम पर है, ऐसे में जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही ज्यादा हो जाती है, लेकिन सच में क्या जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि आम जनता की तकलीफों को समझ रहे हैं , यह बता पाना बेहद मुश्किल है , क्योंकि मुख्यमंत्री के निर्देश के बावजूद अभी तक उज्जैन में ऐसी कोई हेल्पलाइन नंबर डेस्क प्रारंभ नहीं हुई है, जहां से मरीज बेड की उपलब्धता और दवाइयों से लेकर रेमडेसीविर इंजेक्शन को लेकर सही जानकारी प्राप्त कर सके ।
इधर कोरोना का कहर अब छोटे बच्चों को अपना निशाना बना रहा है कल 249 पॉजिटिव आने वालों में 20 वर्षों से लगाकर 2 वर्ष तक के बच्चे और बच्चियां कोरोना की गिरफ्त में आई है। महावीर बाग इंदौर रोड पर रहने वाली 2 साल की बच्ची कोरोना पॉजिटिव आने के बाद घर पर ही आइसोलेट है, स्नेह नगर का 13 साल का बच्चा ,तराना का 20 साल का बच्चा ,ग्राम गांवड़ी का 14 साल का बच्चा और घटिया की 18 साल की बच्ची ग्राम सावन की 15 साल के बचची, खाचरोद की 8 साल की बच्ची ,ग्राम डाबरी की 18 साल की बच्ची, नागेश्वर धाम उज्जैन की 15 साल की बच्ची, एमआइजी मनी नगर में रहने वाली 19 साल और 10 साल की दो बच्चियां पॉजिटिव आई है। जिस तरह कोरोना बच्चों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है यह बेहद खतरनाक संकेत है ,क्योंकि बच्चों का इलाज करवाने के लिए परिजन उन्हें अस्पताल में अकेला नहीं छोड़ सकते दूसरी तरफ यदि इन बच्चों का इलाज घर पर किया जाता है तो गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं।
2 दिन युवा अभिभाषक राजेंद्र उपाध्याय की मौत को लेकर भी जो नजारा सामने आया है उससे साफ लगता है कि आपदा में अवसर की घिनौनी करतूत को अंजाम देने में शहर के कुछ अस्पताल मरीज की बेवजह जान लेने में शर्म महसूस नहीं कर रहे हैं, राजेंद्र उपाध्याय के साथ जो कुछ हुआ वह न सिर्फ बेहद शर्मनाक है बल्कि इस बात का प्रमाण भी है कि शहर में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है ,उन्हें रेमडेसीविर इंजेक्शन भी दिए गए और प्लाज्मा भी ,,, मौत के अगले दिन रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद अब यह बताने को कोई तैयार नहीं है कि आखिरकार उनका इलाज कोविड वार्ड में कॉविड पेशेंट की तरह क्यों किया गया , शहर के वरिष्ठ अभिभाषक गुस्से में है शेखर श्रीवास्तव जैसे वरिष्ठ अभिभाषक ने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा है कि एसएस गुप्ता हॉस्पिटल प्रबंधन के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराए जाने को लेकर तैयारी की जा रही है। सवाल यह नहीं है कि हत्या का मुकदमा दर्ज होगा या नहीं ,,,,सवाल यह है कि आम मरीजों को कोरोना वार्ड में भर्ती करते उन्हें मौत के मुंह में क्यों धकेला जा रहा है,,,,, आखिर इस पर लगाम लगाने वाला सिस्टम खामोश क्यों है।
आइए अब एक नजर डालते हैं कल पॉजिटिव आने वाली रिपोर्ट पर,, कृष्णा रेसिडेंसी में रहने वाला एयरफोर्स का एक अधिकारी उम्र 32 वर्ष पॉजिटिव आया है , सिविल हॉस्पिटल के पीछे रहने वाला 56 वर्षीय डॉ भी पॉजिटिव आया है, पुलिस थाने तराना पर एक कैदी भी संक्रमित आया है , इसके अलावा विक्रम विश्वविद्यालय कैंपस में रहने वाला 58 वर्षीय ca पॉजीटिव आया है , बड़ी संख्या में पति पत्नी भी पॉजिटिव आए हैं, इनमें मणिनगर ,योगिता महल नगर, ऋषि नगर ,आनंद नगर , दशहरा मैदान क्षेत्र शामिल है ,जहां से पति और पत्नी दोनों पॉजिटिव आए हैं ।अर्जुन नगर में रहने वाली एक शिक्षिका और विद्यापति नगर में रहने वाले एक परिवार की दो महिलाएं पॉजिटिव आई है। निकास चौराहे पर रहने वाली मां और बेटी पॉजिटिव आई है। पॉजिटिव आने वालों में प्रोफेसर, हेल्थ वर्कर, बैंक कर्मी, एम आर , ड्राइवर , कैटरिंग के काम करने वाले , पुलिसकर्मी, एनजीओ संचालक , डॉक्टर, रेलवे कर्मी, इंजीनियर, मेडिकल स्टोर संचालक और फर्नीचर की दुकान चलाने वाले शामिल है।
अब एक नजर पॉजिटिव आने वालों मरीजों और डिस्चार्ज होने वाले मरीजों के आंकड़ों पर भी डालते हैं।
पिछले 13 दिन याने एक अप्रैल से 13 अप्रैल तक पॉजिटिव आने वाले मरीजों की संख्या 1931 जबकि डिस्चार्ज होने वाले मरीजों की संख्या 786 है याने 40% मरीज डिस्चार्ज हो रहे हैं जबकि 60% मरीज अपना इलाज घर पर या अस्पतालों में करवा रहे हैं आंकड़ों पड़ जाए तो 1 अप्रैल से लेकर 13 अप्रैल तक क्रमशः 68 ,24, 61, 50 ,83, 74, 12, 43, 74 ,164, 43, 34, 56 ,मरीज डिस्चार्ज किए गए जबकि 85, 89, 94, 96, 74 ,123 ,94 ,130 ,150, 218 ,212, 317 और 249 मरीज पॉजिटिव आए। पिछले दिनों की तरह ऋषि नगर हॉटस्पॉट बना हुआ है यहां से कल फिर 12 से अधिक पॉजिटिव मरीज सामने आए।