बिग ब्रेकिंग,,,,,, पाटीदार अस्पताल के खिलाफ पांच आरोपियों के खिलाफ दो FIR दर्ज,,,,,,, मृत आत्मा को शांति नहीं मिलेगी क्योंकि दोनों ही FIR में थाने से ही जमानत का प्रावधान,,,,, अपराध सिद्ध हो जाने पर भी अधिकतम 3 वर्ष की सजा हो सकती है,,,,,, जानबूझकर लापरवाही कर दो लोगों की जान लेने वाले आसानी से बच जाएंगे,???,,,,

 

उज्जैन ।पाटीदार हॉस्पिटल में लापरवाही से लगी आग के बाद 80 मरीजों की जान आफत में आने और 2 मरीजों की मौत हो जाने के बाद आज अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ माधव नगर थाने में अलग-अलग धाराओं में दो एफ आई आर दर्ज करवाई गई है ।

पहली एफआईआर  इंस्पेक्टर संजय श्रीवास्तव की रिपोर्ट पर दर्ज हुई है, सब इंस्पेक्टर संजय श्रीवास्तव की माताजी की मौत अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण आग लगने से 80% जल जाने के कारण गंभीर अवस्था में इंदौर में भर्ती होने के बाद कल हो गई थी। थाने में एफ आई आर 304( ए )धारा के तहत दर्ज की गई है ।

दूसरी एफ आई आर जिला प्रशासन द्वारा लापरवाही करने को लेकर दर्ज करवाई गई है. आईपीसी की धारा 285 287 और 337 में दर्ज  एफ आई आर दर्ज करवाई गई है।   

 आने वाले दिनों में एक और एफ आई आर  दर्ज की जा सकती है , यह नई  एफ आई आर  विवेकानंद नगर कॉलोनी में रहने वाले बुजुर्ग की मौत हो जाने के बाद दर्ज हो सकती है, आज दर्ज दोनों  एफ आई आर पाटीदार अस्पताल के मैनेजमेंट के खिलाफ है ,उमाकांत पाटीदार और अन्य चार के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करवाई गई है।

दैनिक मालव क्रांति ने दर्ज एफ आई आर की गंभीरता को लेकर शहर के एक वरिष्ठ अधिवक्ता से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि दोनों ही एफ आई आर मामूली धाराओं में और थाने से जमानत होने वाली धाराओं में दर्ज करवाई गई है ।धारा 304 ए में अपराध सिद्ध हो जाने पर मात्र 3 वर्ष की सजा का प्रावधान है यह  सजा भी अधिकतम है।

 


इस धाराओ  में थाने से ही जमानत हो जाती है,
इस मामले को लेकर उनका कहना था कि धारा 304 में प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए था क्योंकि अस्पताल प्रबंधन को पूर्व में नोटिस दिए गए थे और अस्पताल में होने वाली अनियमितताओं को संज्ञान में लेकर दूर करने को कहा गया था लेकिन  अस्पताल प्रबंधन ने जानबूझकर अपराध किया है, इसलिए धारा 304 में प्रकरण दर्ज किया जाना था इस धारा में हत्यारे अस्पताल प्रबंधन से जुड़े सभी पांच आरोपियों को कड़ा दंड मिलता।

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