उज्जैन। आम जनता का बेड के लिए लगातार संघर्ष, अस्पताल के बाहर चीखती जिंदगीया, श्मशान में लाशों के ढेर,,, किसी की मां की मौत तो किसी के सर से बाप का साया उठ गया, किसी का पति मौत के मुंह में चला गया तो कोई दूधमुही बच्ची मां के प्यार से वंचित हो गई, किसी का भाई तो किसी की बहन जिंदगी की जंग हार गई, चारों तरफ हाहाकार,, मौत की ऐसी दहशत की अच्छा भला इंसान दो ,4 घंटे में चटपट हो रहा है ,,,,जवान बेटे की लाश ढोने को बाप मजबूर है तो कोई मां की लाश देखने को भी तरस गया ,,,,,ऐसे हालातों में माधव नगर अस्पताल में बेड हाईजैक करने का मामला सामने आने के बाद मानवता शर्मसार हो गई है। माधव नगर अस्पताल की बदनामी से वहां देवता के रूप में काम करने वाले डॉक्टर और उनकी कार्यप्रणाली को संदेह से देखा जा रहा है, भारतीय जनता पार्टी के एक नेता अभय की करतूतों का कच्चा चिट्ठा सामने आ चुका है जिस तरह सोशल मीडिया पर डॉक्टर संजीव कुमरावत का स्क्रीन शॉट वायरल हो रहा है ,उसके बाद कुछ कहने और कुछ सुनने को नहीं रह जाता है, सीधा अर्थ यह है कि माधव नगर अस्पताल को सत्ता के दलालों ने अपनी बपौती मानकर कमाई का जरिया बनाया वह भी ऐसे वक्त जब मौत की चित्कार चारों तरफ सुनाई दे रही थी, अब इस पूरे मामले का पटाक्षेप होना चाहिए, अस्पताल में इस दलाल ने कितने बिस्तर, किस किस को कब कब उपलब्ध करवाएं, इसकी पूरी जांच होना चाहिए, जांच में अस्पताल स्टाफ के उन लोगों पर भी कार्रवाई होना चाहिए जो इस अभय के सहयोगी रहे,,, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही चैट की प्रमाणिकता की पुष्टि दैनिक मालव क्रांति नहीं करता ,लेकिन यदि यह चैट सही है तो फिर अधिकारियों को वस्तु स्थिति सामने लाना चाहिए, और ऐसे दलालों को जोकि बेनकाब हो गए हैं उन्हें उनकी असली जगह पहुंचाना चाहिए, क्योंकि मामला गंभीर ही नहीं बेहद गंभीर है। मंत्री जी का स्पष्टीकरण आ चुका है लेकिन अभय उनका बेहद करीबी था इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता ।