छप रहे हैं 50 और 200 के नोट: सोशल मीडीया पर वायरल हुआ वीडियो


बचपन में नोट छापने वाली मशीन होने की चाहत लगभग सभी की होती थी. वो मशीन जिससे मन मुताबिक पैसे छापे जाएं और अमीर हो जाएं लेकिन ऐसा करना कानूनन अपराध है. लेकिन तमाम पाबंदियों के बीच सोशल मीडिया पर एक विडिय़ो वायरल है, जिसमें एक आदमी 50 और 200 के नए नोट छापे जा रहा है। वो भी एक - दो नहीं पूरे बंडल के बंडल. तो क्या नोटबंदी के बाद फिर से नए नोटों पर भी फ़र्ज़ीवाड़ा होने लगा है?

दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो पाकिस्तान का है. न्यूज़18 इंडिया ने जब वीडियो की पड़ताल  की तो पता चला की वीडियो में हिन्दी या मराठी भाषा में बात हो रही है. वीडियो को गौर से देखने पर नोट पर अंग्रेजी मे मनोरंजन बैंक ऑफ इंडिया और हिंदी में भारतीय चिल्ड्रन बैंक लिखा हुआ दिखा. इसके बारे में पड़ताल करने पर इंटरनेट पर वो नोट भी मिल गया जिसमें भारतीय चिल्ड्रन बैंक लिखा हुआ है. दर असल ये बच्चों के खेलने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाला नोट है |

वीडियो में ये नोट बिल्कुल 50 और 200 के नए नोटों जैसे दिख रहे हैं. बिलकुल वही रंग और वही आकार लेकिन करंसी को किसी भी रूप में कॉपी करना कानूनन जुर्म है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या सरकार को कोई सख्त कदम नहीं उठाने चाहिए?

भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत बैंक नोटों की नकल करना, बैंक नोटों की नकल के लिए उपकरण तथा संबंधित सामग्री बनाना या उन्हें अपने पास रखना, बैंक नोटों के जैसा दस्तावेज बनाना और उनका उपयोग करना अपराध है. इसके लिए न्यायालय जुर्माना या फ़िर 10 साल से लेकर आजीवन कारावास या फ़िर दोनों सज़ाएं, अपराध के आधार पर दे सकते हैं. इसके लिए पुलिस को वॉरंट की जरूरत भी नहीं होती.

वायरल विडियो में नज़र आ रहे नोट असली नोट नहीं हैं. न्यूज़18 इंडिया की पड़ताल में वारयल विडियो के साथ किया जा रहा दावा ग़लत पाया गया है।

Popular posts
शहर के प्रसिद्ध चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ सुरेश समधानी द्वारा छत से कूदकर आत्महत्या किए जाने की कोशिश
Image
ये दुनिया नफरतों की आखरी स्टेज पर है  इलाज इसका मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं है ,मेले में सफलतापूर्वक आयोजित हुआ मुशायरा
फिरोती मांगने वाले एक ओर आरोपी का जमानत आवेदन निरस्‍त ,,,,,,,नाबालिक का अपहरण कर दुष्कर्म करने वाले आरोपी का जमानत आवेदन निरस्त
बेटे के वियोग में गीत बनाया , बन गया प्रेमियों का सबसे अमर गाना
Image
जब चार करोड़ रुपये प्रतिमाह इलाज़ के लिए देकर भी कॉलेज प्रबंधन अपनी काली करतूतों से बाज़ न आया तब जाकर अपनी नाक बचाने के लिए कलेक्टर को कुर्बान करने का मुहूर्त निकाला गया
Image