उज्जैन। जिलाधीश आशीष सिंह की वक्र नजर अब शासकीय जमीनों पर कब्जा करने वालों पर लगी हुई है लगातार एक के बाद एक शासकीय जमीनों को कब्जे में लेने से अतिक्रमण करने वालों में हड़कंप मच गया है, 122 वर्ष पुराने नक्शे के आधार पर अब अब शासकीय और पौराणिक महत्व के तालाबों पर कब्जा करने वालों के खिलाफ अभियान शुरू किया जा रहा है प्रारंभिक जांच में यह पाया गया है कि तालाबों पर कब्जा किया गया है।
सप्त सागर संबंधी जाँच के दौरान यह तथ्य सामने आया कि वर्तमान अभिलेख अनुसार
सप्त सागर मे से गोवर्धन और क्षीर (खीर सागर) में अतिक्रमण और निजी व्यक्तियों के नाम
राजस्व प्रविष्टियां हो जाना प्रथम दृष्टया परिलक्षित हुआ है। अतएव उपरोक्त के संबंध में निम्न बिन्दुओं पर कार्यवाही कर प्रतिवेदन भिजवायें-कस्बा उज्जैन के वर्ष 1899 के नक्शे व 1927 के अधिकार अभिलेख के आधार पर कस्बा उज्जैन स्थित सप्त सागरों मे रुद्रसागर, गोर्वधन सागर, पुरुषोत्तम सागर (सोला सागर), पुष्कर सागर और क्षीरसागर पर हुएअतिक्रमण को चिन्हित किया जाकर नियमानुसार अतिक्रमण के संबंध में कार्यवाही करें।
यदि राजस्व व नगर निगम अभिलेखों में गलत प्रविष्टियाँ हैं, तो उनकी जॉच कर प्रविष्टि सुधार हेतु विधि अनुसार कार्यवाही की जाए। जिन मामलों में सिविल न्यायालय सहायता देने हेतु सक्षम
हैं वहाँ शासकीय अभिभाषक से अभिमत लेकर आगामी कार्यवाही की जाना सुनिश्चित करें। उज्जैन कस्बा के बाहर भीतरी में स्थित विष्णु सागर और उण्डासा में स्थित रत्नाकर सागर के संबंध में भी क्रं. 01 व 02 अनुसार नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी एवंत हसीलदार की जाना सुनिश्चित करें। कस्बा उज्जैन के वर्ष 1899 के नशे में दर्ज अन्य तालाब दूधतलाई, नीलगंगा और सूरजकुण्ड की मौका जॉच करवायी जाए और क्रं. 01 व 02 अनुसार नियम अनुसार कार्यवाही की जाना
सुनिश्चित करें। वर्ष 1899 के कस्बा उज्जैन के नक्शे की प्रति हेतु प्रभारी अधिकारी राजस्व अभिलेखागार को कार्या. पत्र क्रं. 718 दिनांक 06.10.2021 जारी किया गया है। उपरोक्त उल्लेखित बिन्दु क्रं. 01 04 तक की समस्त कार्यवाही 01 माह के भीतर की जाना सुनिश्चित करें।